M S Dhoni Six in World Cup Final 2011, M S Dhoni, Virat Kohli
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M S Dhoni Six in World Cup Final 2011: भारत के पूर्व कप्तान Sunil Gavaskar ने Dhoni के किस छक्के की जमकर तारीफ, कहा मरने से पहले इसे ही देखना चाहूंगा

M S Dhoni Six in World Cup Final 2011: भारत के पूर्व कैप्टन और महान बल्लेबाज सुनील गावस्कर (Sunil Gavaskar) ने भारत के सबसे महान कप्तानों में शुमार महेंद्र सिंह धोनी (Mahendra Singh Dhoni) की तारीफ की है। धोनी ने सिर्फ भारत के सबसे सफल कप्तान है बल्कि दुनिया के सबसे बेहतरीन कप्तानों में से भी एक है। धोनी की कप्तानी में भारतीय टीम ने आईसीसी (ICC) की तीनों ट्रॉफी पर कब्जा किया था। इतना ही नहीं उनकी कप्तानी में ही भारतीय टीम पहली बार टेस्ट में भी नंबर 1 बनी थी।

धोनी की कप्तानी में उन्होंने अपनी आईपीएल टीम चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) को भी सबसे ज्यादा खिताब जीता चुके है। उनकी कप्तानी में टीम 5 बार खिताब जीत चुकी है और 15 सीजन में 13 बार प्लेऑफ के लिए क्वालीफाई भी किया है। चेन्नई आईपीएल की सबसे सफल टीमों में से भी एक है। चेन्नई और मुंबई (Mumbai Indians) के नाम आईपीएल में 5–5 ट्रॉफी हैं।

M S Dhoni: 2011 वर्ल्ड कप फाइनल का छक्का देखना पसंद करूंगा

सुनील गावस्कर ने कहा कि, “मैं धोनी से मिला था और मैंने उनसे कहा था, कि देखो अगर मेरे पास मेरी जिंदगी का अंतिम कुछ समय बाकी है और मुझसे पूछा गया कि तुम्हें क्या करना है तो मैं तुम्हारा वर्ल्ड कप 2011 में मारा गया विनिंग सिक्स देखकर ही इस दुनिया को अलविदा करना चाहूंगा।”

उन्होंने आगे कहा कि, “ये एक अच्छा तरीका होगा, कि मेरे चेहरे पर मुस्कुराहट रहेगी। यहीं बात मैंने धोनी को भी बताई थी और इसे सुनकर वो बहुत खुश हुए थे। वो मुस्कुराए और उन्होंने कुछ नहीं कहा था।”

World Cup: अमर हो गया धोनी का छक्का

जब भी वर्ल्ड कप 2011 (World Cup 2011) की बात होती है सबके जहेन में धोनी के उस छक्के की तस्वीर उनके दिमाग में अपने आप बन जाती है। भला बने भी क्यों न आज तक किसी भी टीम ने वर्ल्ड कप के फाइनल में इतना बड़ा लक्ष्य का पीछा नहीं किया था और न ही किसी खिलाड़ी ने छक्के के साथ ट्रॉफी का सूखा खत्म किया था।

हालांकि कुछ पूर्व खिलाड़ियों को इस बात से भी दिक्कत होती है कि वर्ल्ड कप जीत के लिए उन्हें क्रेडिट नहीं दिया जाता है। इनमें भारतीय टीम के वर्ल्ड कप के प्रमुख नायकों में एक रहे गौतम गंभीर (Gautam Gambhir) भी शामिल है। गंभीर ने फाइनल में 97 रन बनाए थे लेकिन उनका मानना है कि कोई भी उनकी इस पारी को तारीफ नहीं करता है। हालांकि ये उनकी सोच हो सकती है लेकिन क्रिकेट एक टीम गेम है और इसमें जीत में सभी खिलाड़ियों का योगदान होता है। हालांकि हार हो या जीत कैप्टेन को हमेशा ही ज्यादा क्रेडिट दिया जाता है।

आकाश अवस्थी, दिल्ली विश्वविद्यालय में ग्रेजुएशन के छात्र है। इनकी खेल और राजनीति में विशेष दिलचस्पी है और उन मुद्दों पर लिखना पसंद करते है।