क्रिकेटर केएल राहुल की जिंदगी का एक फंडा है- कभी ना नहीं कहना। उनका मानना है कि पता नहीं जिंदगी में किस पल कौन सा अवसर मिल जाए। इसलिए ना कह कर उस अवसर को गंवाने का जोखिम नहीं लेना चाहिए। उनकी जिंदगी में कई बार ऐसा हुआ भी है। उन्होंने एक इंटरव्यू में ऐसे दो वाकये भी सुनाए।
टीम में रहकर भी दो-तीन साल खेलने का मौका नहीं पाए
केएल राहुल ने बताया कि दो-तीन साल तक तो उन्हें खेलने का मौका ही नहीं मिला। वह टीम में थे। टीम के साथ दौरे पर भी जाते थे लेकिन उन्हें मैच खेलने का मौका नहीं मिला। और 26-28 साल की उम्र में ऐसा हो तो सोचिए कितनी हताशा-निराशा वाली बात होगी। लेकिन वह निराश नहीं हुए। वह हमेशा खुद को तैयार रखते थे, ताकि जब भी मौका मिले तो उसे लपक लिया जा सके।
किसी भी कीमत पर खेलना चाहते थे
वह किसी भी नंबर पर खेलने के लिए तैयार थे। यहां तक कि अगर जरूरत पड़ी तो बॉलिंग करने के लिए भी तैयार थे। लेकिन किसी भी कीमत पर खेलना चाहते थे।
इंग्लैंड में ओपनिंग करने से पहले 15 महीने तक नहीं खेले थे क्रिकेट
इंग्लैंड में जब एक बार राहुल को मैच में ओपनिंग करने का मौका मिला तो यह मौका भी अचानक अचानक आया था। इस वाकये को बयां करते हुए राहुल ने बताया कि इसके पहले 15-16 महीने तक वह कोई मैच नहीं खेले थे। उन्हें टीम से ड्रॉप कर दिया गया था। जब टीम में वापस लिया गया तो इस बात पर बहस हो रही थी कि किस नंबर पर खेलाया जाए। उन्हें बताया गया कि मिडिल ऑर्डर में खेलाया जाएगा। उनसे पूछा गया तो उन्होंने कहा- कि किसी भी नंबर पर खेलने के लिए वह तैयार हैं और 15 महीने से यही तैयारी कर रहे थे।
अचानक मयंक अग्रवाल चोटिल हो गए। राहुल के पास ऑफर आया कि हम ये करना तो नहीं चाहते थे, लेकिन परिस्थिति ऐसी बन गई है। नंबर एक की पोजिशन खाली है। आप खेलना चाहेंगे? राहुल ने कहा- क्यों नहीं खेलना चाहेंगे, उछल कर खेलेंगे।
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इसी तरह जोहानिसबर्ग में उनके सामने अचानक कप्तानी का मौका आ गया। टेस्ट मैच था। सुबह बस में पता चला कि विराट चोटिल हो गए हैं। वार्म अप के बाद कोच ने राहुल को बताया कि विराट की सेहत ठीक नहीं है। जाओ ब्लेजर पहनो और टॉस करो। राहुल के पास ब्लेजर भी नहीं था। उन्होंने किसी और का ब्लेजर पहना और बतौर कप्तान मैदान पर गए।
राहुल का मानना है कि मौका मिले तो उसे लेकर फेल होना सही है, यह कहना सही नहीं है कि मैं अभी इसके लिए तैयार नहीं हूं या कुछ भी कह कर नकारना सही नहीं है। एक बार क्रिस गेल ने भी राहुल को कुछ ऐसी ही सलाह दी थी।
वेस्टइंडीज दौरे में टीम में होकर भी खेलने का चांस नहीं पाए
बात तब की है जब 2019 में वर्ल्ड कप खेलने के बाद टीम इंडिया वेस्टइंडीज दौरे पर गई थी। वर्ल्ड कप में केएल राहुल ने अच्छा प्रदर्शन किया था। लेकिन वेस्टइंडीज दौरे पर जाने के बाद उन्हें टीम में नहीं लिया गया। जाहिर है वह बहुत उदास थे और पूल किनारे बैठकर ड्रिंंक ले रहे थे।
राहुल ने क्रिस गेल को भी वहां आने के लिए मैसेज किया। अगली सुबह क्रिस गेल का 300वां मैच था। जाहिर है वह खुश थे। जब दोनों मिले तो गेल ने राहुल से कहा- तुम किसी मैच में खेलोगे या नहीं, यह पूरी तरह तुम पर निर्भर है। अगर 50 रन कम लगते हैं तो सौ बनाओ, सौ कम है तो 200 बनाओ। इस नजरिए से चीजों को देखोगे और खेलोगे तो किसी की ताकत नहीं होगी कि वह तुम्हें ड्रॉप कर दे।