क्रिकेटर केएल राहुल के पास कोई डिग्री नहीं है। उनकी मां इस बात का ताना अक्सर मारती हैं। यहां तक कि जब कोरोना के चलते पूरे देश में लॉकडाउन था और क्रिकेट बंद था तो उनकी मां ने उनसे कहा कि तुम्हारे जो 20 पेपर्स बाकी रह गए हैं, उनकी परीक्षा क्यों नहीं दे देते? राहुल ने कहा कि मैं क्रिकेट में इतना अच्छा कर रहा हूं तो पेपर देने की क्या जरूरत है?
माता-पिता प्रोफेसर हैं, घर में कई लोग डॉक्टर-इंजीनियर हैं
केएल राहुल के माता-पिता दोनों प्रोफेसर हैंं। उनके घर-परिवार के सारे लोग भी डॉक्टर, इंजीनियर और इस तरह की नौकरी या पेशे में ही हैं। जब राहुल को आरबीआई में नौकरी मिली थी तो वह दिन उनकी माता पिता के लिए सबसे खुशी वाला दिन था। राहुल ने एक इंटरव्यू में यह बात बताते हुए कहा था कि नौकरी पाने के बाद उनकी मां ने कहा था कि अब तुम सेटल हो जाओगे। जबकि 4 साल भारत के लिए क्रिकेट खेलने के बाद उन्हें यह नौकरी मिली थी।
दसवीं के बाद राहुल साइंस नहीं पढ़ने के लिए अड़ गये
केएल राहुल दसवीं तक अच्छे स्टूडेंट थे। दसवीं के बाद साइंस या मैथ लेना था। उनके परिवार में किसी ने कॉमर्स नहीं लिया था। कॉमर्स की पढ़ाई करना उनके परिवार में अपमानजनक माना जाता था। लेकिन राहुल का साफ मानना था कि वह साइंस की पढ़ाई के साथ क्रिकेट नहीं खेल पाएंगे।
काफी मशक्कत के बाद वह अपने माता-पिता को इसके लिए राजी कर पाए थे। इस शर्त के बाद कि क्रिकेट के चक्कर में ऐसा न हो कि पढ़ाई एकदम पीछे छूट जाए।
राहुल के लिए मां से ज्यादा आसान पिता को मनाना रहा क्योंकि राहुल के पिता जवानी के दिनों में क्रिकेट खेला करते थे। हालांकि उन्होंने जब क्रिकेट और पढ़ाई में से एक को चुनने की बात आई तो पढ़ाई को चुना। उन्होंने कभी राहुल को क्रिकेट खेलने से मना नहीं किया। उनके माता-पिता का बस यह कहना था कि अच्छे बच्चे बनकर रहो, कहीं से शिकायत नहीं आनी चाहिए। इस बात का राहुल ने हमेशा ख्याल रखा।
केएल राहुल को टैटू का भी शौक है। 16 साल की उम्र में जब दसवीं पास कर गए थे तब वह बेंगलुरु गए। एक कैंप के लिए। वहां दो-तीन महीने रहे थे। वहां से लौटने के बाद पहली बार वह बड़ा सा टैटू बनवा कर लौटे थे।