Karl Liebenberg And Sachin Tendulkar: भारत के सचिन तेंदुलकर वह खिलाड़ी हैं, जो तीसरे अंपायर की शुरुआत होने पर सबसे पहले आउट दिये गये थे। थर्ड अंपायर के रूप में सबसे पहले सचिन तेंदुलकर को बैकवर्ड प्वाइंट की तरफ से मारा जाने वाले शार्ट की वजह से आउट करार दिया गया था। उस समय सचिन तेंदुलकर मात्र 11 रन पर आउट हो गए थे। यह मैच 1992 में डरबन में हुआ था। कार्ल लिबेनबर्ग पहले थर्ड अंपायर थे।
Karl Liebenberg And Sachin Tendulkar: मैच में हार और जीत के बीच का अंतर लगातार कम होता जा रहा है।
मैच की इतनी बड़ी पिच पर हर चीज पर पल-पल नजर रख पाना बहुत ज्यादा मुश्किल होता है, इसलिए मैच के दौरान सबसे बड़ी मदद थर्ड अंपायर करता है। पहले जब मैच हुआ करते थे, तब थर्ड अंपायर का उपयोग रन आउट को कॉल करने के लिए किया जाता था, परंतु अब डीआरएस के आगमन के बाद थर्ड अंपायर को अन्य एलबीडब्ल्यू और कैट के लिए भी कॉल करना पड़ता है। न्यू बॉल होने पर भी नियमों के आधार पर थर्ड अंपायर के जरिए फैसला जाना जाता है।
क्रिकेट मैच के दौरान थर्ड अंपायर की अवधारणा सन 1992 में डरबन में होने वाले टेस्ट क्रिकेट के दौरान हुई। उस समय भारत दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट मैच खेल रही थी और उस मैदान में कार्ल लिबेनबर्ग पहले थर्ड अंपायर के रूप में देखे गए।
नवंबर 1992 में दक्षिण अफ्रीका बनाम भारत श्रृंखला के लिए किंग्समीड, डरबन में टेस्ट क्रिकेट में सबसे पहले तीसरे अंपायर की शुरुआत हुई। इस मैच में रन-आउट निर्णय का हवाला देते हुए ऑन-फील्ड अंपायर सिरिल मिचली के साथ कार्ल लिबेनबर्ग तीसरे अंपायर के रूप में नियुक्त किये गये थे। सचिन तेंदुलकर टेस्ट स्कोरिंग के दूसरे दिन टेलीविज़न रीप्ले का उपयोग करके रन आउट होने वाले पहले बल्लेबाज बने।