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विश्वकप में जीत के बाद जब कपिल और गावस्कर में हो गई अनबन, जानें कोलकाता टेस्ट में दर्शक क्यों कप्तान पर भड़क उठे थे

kapil Dev | Sunil Gavaskar |

कपिल देव और सुनील गावस्कर। (फोटो फेसबुक)

भारत में क्रिकेट को लेकर जितना जुनून है, उतना शायद ही कहीं हो। जबकि देश का राष्ट्रीय खेल हाकी है। 1983 में भारत ने विश्व कप मैच जीतकर क्रिकेट की दुनिया में खुद को सर्वश्रेष्ठ साबित किया। उस समय भारत के कप्तान कपिल देव थे। उस टीम में सुनील गावस्कर भी थे। कपिल देव और सुनील गावस्कर दोनों भारत के महान खिलाड़ी रहे हैं। दोनों ही खिलाड़ी भारत के लिए बड़ी सफलताएं लाए और रिकॉर्ड बनाए हैं। क्रिकेट के साथ कई बार बड़ी अविश्वसनीय घटनाएं भी हो जाती हैं।

विश्व कप के अगले साल कपिल देव को अचानक टेस्ट टीम से बाहर कर दिया गया

1983 में भारत कपिल देव के नेतृत्व विश्व कप जीता और अगले ही साल 1984 में कपिल देव को अचानक इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट टीम से बाहर कर दिया गया। इसको लेकर चर्चा थी कि इंग्लैंड के ही खिलाफ इसके पहले के दिल्ली के मैच में कपिल ने बेहद खराब शॉट खेलकर अपना विकेट गंवा दिया था। मैच में कप्तान सुनील गावस्कर थे और यह माना गया कि उनके ही सिफारिश पर कपिल को बाहर किया गया। अगला मैच कोलकाता में था। चयन समिति के अध्यक्ष चंदू बोर्डे थे। खिलाड़ियों के अंतिम चयन के दौरान मीटिंग में कप्तान की हैसियत से गावस्कर भी थे।

कपिल और कप्तान गावस्कर के आपसी संबंध काफी खराब थे

कपिल देव को बाहर जरूर कर दिया गया, लेकिन उस समय यह भी कहा गया था कि कपिल देव पूर फॉर्म में थे। तब कपिल देव और कप्तान सुनील गावस्कर के बीच आपसी संबंध काफी खराब हो गये थे। गावस्कर की काफी आलोचना भी हुई थी। हालांकि अपनी सफाई में गावस्कर बार-बार एक ही बात कहते थे कि कपिल को उन्होंने बाहर करने की सिफारिश नहीं की थी। वह बोले मीटिंग में शामिल जरूर था, लेकिन फैसला चयन समिति ने ही लिया था।

क्रिकेट मैच देखने के लिए तब मैदान पर भारी भीड़ होती थी। टीवी पर इसको देखने के लिए दर्शक पूरे दिन बैठे रहते थे। तब आज की तरह मोबाइल, लैपटॉप और डेस्कटॉप पर इसको नहीं देखा जाता था। इतना ही नहीं कपिल को बाहर रखने पर कोलकाता के दर्शक भी भड़क उठे थे। मैदान में दर्शक चिल्ला रहे थे कि अगर कपिल नहीं तो टेस्ट नहीं। वे कप्तान गावस्कर पर भी गुस्सा निकालने लगे थे। गावस्कर उस समय भी यही कह रहे थे कि कपिल जैसे ऑल राउंडर को बाहर बैठाने का जोखिम भरा फैसला वे कैसे ले सकते हैं।

इस विवाद को लेकर दोनों सीनियर खिलाड़ियों में लंबे समय तक तकरार रहा, लेकिन बाद में दोनों खिलाड़ी फिर करीब आए और एक-दूसरे के साथ मैच में शामिल हुए। एक दूसरे के साथ सार्वजनिक समारोहों में शामिल हुुए।

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