Jonty Rhodes: अगर बात क्रिकेट की जाए तो हर किसी खिलाड़ी में अपना अपना हुनर होता है, जिसके द्वारा उनके प्रशंसक उन्हें जानते हैं और उन्हें पसंद करते हैं। क्रिकेट में जितना महत्वपूर्ण बैटिंग, बोलिंग होता है उतना ही महत्वपूर्ण फील्डिंग भी होता है।
क्रिकेट की दुनिया में Jonty Rhodes ने फील्डिंग में एक अलग ही पहचान बना दी है जो हर कोई नहीं बना सकता। Jonty Rhodes ने बल्लेबाजों के मन में ऐसा डर बिठा रखा है कि उन्हें देखते ही सब के पसीने छूट जाते हैं।
Jonty Rhodes के पास इस तरह का हुनर है कि वह बल्लेबाजी तो अच्छी करते ही हैं साथ ही वह क्रिकेट के मैदान में इतने रन रोक लेते हैं जो हर किसी के बस की बात नहीं है।
Jonty Rhodes की फील्डिंग कमाल की थी। बात 1992 के वर्ल्ड कप की की जाए तो उन्हे हर कोई याद करता है क्योंकि उसमें जोंटी रोड्स ने इंजमाम उल हक को इस तरह से रनआउट किया जिसकी चर्चा आज भी की जाती है।
वे सुपरमैन की तरह बॉल पकड़ने के लिए ऐसे उड़ जाते हैं जैसे उनके अंदर कोई पावर हो।
अपनी खुद की पहचान
ब्रिसबेन में 8 मार्च 1992 को वनडे वर्ल्ड कप मैच खेला जाना था जो एक अहम मैच था। यह मुकाबला पाकिस्तान और दक्षिण अफ्रीका के साथ था। इस मैच में दक्षिण अफ्रीका ने 50 ओवर में अपने 7 विकेट खोकर 211 रन बनाए और पाकिस्तान को 212 रन बनाने का टारगेट मिला।
बीच में बारिश हो जाने के कारण मैच को रोक दिया गया और पाकिस्तान को 36 ओवर में 194 रन बनाने का टारगेट मिला। पाकिस्तान की टीम अच्छा खेल रही थी और जीतने ही वाली थी लेकिन इस मैच में कुछ ऐसा हुआ जो एक फिल्म के सीन जैसा लग रहा था।
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जोंटी रोड्स ने इतनी तेजी से गेंद उठाया और विकेटों की तरफ दौड़ लगाई या यूं कह सकते हैं कि एक सुपरमैन की तरह छलांग लगाई और तीनों विकेट गिरा दी और यह विकेट किसी और की नहीं इंजमाम की थी। जोंटी रोड्स का यह प्रदर्शन देखकर हर कोई हैरान रह गया और उन्होंने इस मैच में अपनी एक अलग ही पहचान बना ली।
यह तो सभी जानते हैं कि मैन ऑफ द मैच उस खिलाड़ी को मिलता है जो सबसे अच्छा खेल खेलता है। जोंटी रोड्स को मैन ऑफ द मैच एक खेल में मिला था जहां उन्होंने बैटिंग ना करके सिर्फ फील्डिंग की थी। इस मैच में उन्होंने 7 विकेट इस तरह से लिए थे जो एक सुपरमैन की तरह थी जिसके दौरान उन्हें मैन ऑफ द मैच का खिताब मिला।
Jonty Rhodes को बनना था हॉकी प्लेयर
जोंटी रोड्स कमाल की फिल्डिंग तो करते ही हैं लेकिन यह कम लोगों को पता है कि वह अच्छे हॉकी खिलाड़ी भी है। साउथ अफ्रीका के साथ जोंटी ने एक अच्छा प्रदर्शन दिया है। साल 1992 में जोंटी ने ओलंपिक में हिस्सा लिया लेकिन उनकी टीम क्वालीफाई नहीं हो पाई जिसके दौरान वह टीम से बाहर हो गए और 1996 में उन्हें चोट लग जाने के कारण वह ट्रायल मैच में भी हिस्सा नहीं ले पाए।
जोंटी रोड्स का भारत से प्यार
जोंटी को भारत से इतना प्यार है जो कोई सोच भी नहीं सकता क्योंकि जोंटी ने अपनी बेटी का नाम ही इंडिया रखा है। इससे आप खुद ही अंदाजा लगा सकते हो कि जोंटी को भारत से कितना प्यार होगा
Jonty Rhodes ने अपने करियर में काफी मैच खेले हैं और उन्हें हर तरह का खिताब मिला है। जोंटी ने अपने करियर में 52 टेस्ट मैच और 245 वन डे इंटरनेशनल मैच खेला है। इतना ही नहीं, जोंटी ने वनडे मैच में 5935 रन बनाए हैं।