Jitesh Sharma and Airforce: जितेश शर्मा के क्रिकेटर बनने की कहानी थोड़ी अलग है। वह कभी क्रिकेटर नहीं बनना चाहते थे। उनका सपना तो एयरफोर्स ऑफिसर बनने का था। क्रिकेट को वह इसके लिए एक सीढ़ी बनाना चाहते थे। उनका प्लान बस दसवीं तक क्रिकेट खेलने का था।
वह भी इसलिए कि कुछ अतरिक्त अंक हासिल कर लें, ताकि एनडीए परीक्षा में बैठने के लिए कट-ऑफ मार्क की सीमा पार करने में मदद मिल जाए। लेकिन, किस्मत उन्हें क्रिकेट से अलग नहीं होने देना चाहती थी!
जितेश शर्मा ने एक इंटरव्यू में इस बारे में बताया था। उन्होंने कहा था कि स्कूली दिनों में उनका कोई क्रिकेट कोच नहीं था। उन्होंने यूट्यूब पर वीडियो देख कर क्रिकेट सीखा था। एडम गिलक्रिस्ट और सौरव गांगुली के वीडियो वह खूब देखा करते थे।
Jitesh Sharma and Airforce: महाराष्ट्र में नियम था कि स्टेट लेवल तक खेलने वाले खिलाड़ी को बोर्ड में 25 अंक अतिरिक्त मिलते थे।
जितेश ने बताया मुझे शुरू से डिफेंस में जाने की चाहत थी। मैं एयरफोर्स ऑफिसर बनना चाहता था। उनकी नीली वर्दी मुझे बहुत पसंद थी। महाराष्ट्र में नियम था कि स्टेट लेवल तक खेलने वाले खिलाड़ी को बोर्ड में 25 अंक अतिरिक्त मिलते थे।
इस पांच फीसदी अतिरिक्त अंक के लिए मैंने क्रिकेट खेलना शुरू किया, ताकि एनडीए परीक्षा में बैठने के लिए जरूरी अंक हासिल करने में कुछ मदद मिल जाए।
साल 2011 में जितेश के पड़ोसी अमर मोरे ने जिद की कि वह विदर्भ क्रिकेट एसोसिएशन (वीसीए) के लिए जिला लेवल के लिए ट्रायल दे दें। अमर की जिद पर जितेश ने ट्रायल दे दिया।
मोरे ने जितेश को स्कूल में क्रिकेट खेलते देखा था। इसलिए वह जिद कर रहे थे। उनकी जिद पर जितेश ने अमरावती में क्रिकेट क्लब जॉयन किया। यह सोच कर कि बोर्ड परीक्षा के बाद क्रिकेट छोड़ देंगे। लेकिन, क्रिकेट छूट नहीं सका।
जितेश शर्मा का जन्म 22 अक्टूबर 1993 को हुआ था। उन्होंने लिस्ट ए में 27 फरवरी 2014 को विदर्भ के लिए 2013-14 में विजय हजारे ट्रॉफी में डेब्यू किया था। 1 अक्टूबर 2015 को रणजी ट्रॉफी में प्रथम श्रेणी में डेब्यू किया।
2018-19 में विजय हजारे ट्रॉफी में विदर्भ के लिए प्रमुख रन-स्कोरर रहे, जिसमें सात मैचों में 298 रन थे। उन्हें जनवरी 2023 में श्रीलंका के खिलाफ T20 अंतरराष्ट्रीय सीरीज मैच से भारतीय क्रिकेट टीम में शामिल किया गया था।