Ishant Sharma: टीम इंडिया के पूर्व क्रिकेटर इशांत शर्मा एकेडमी में अपने सर से बहुत डरते थे। उस दौर में दिल्ली में टेनिस बॉल बहुत होती थी। इशांत पहले एक मैच खेलने पर पांच सौ रुपये पा जाते थे। पांच सौ रुपये के लालच में वे बॉलिंग करने लगे। लोकल टीम वाले उन्हें बुलाते थे और बोलते थे कि आउट करने पर पांच सौ रुपये देंगे।
इस तरह वह बॉलिंग करने लगे और कुछ दिन बाद टेनिस बॉल क्रिकेट टीम का हिस्सा बन गये। इसके बाद उनका दिल्ली के कई बड़े क्लब से जुड़ाव हुआ और वहां वे अपनी लंबाई और तेज चाल की वजह से एक फास्ट बॉलर के रूप में पहचान बना लिये।
अपनी लंबाई और तेज चाल की वजह से फास्ट बॉलर बने
पॉडकास्ट द रणवीर शो हिंदी में इशांत ने अपने जीवन से जुड़े तमाम किस्से सुनाए। इशांत ने एक और बात बताई। कहा बचपन में वह पेड़ों पर चढ़ने, गुरुद्वारे की दीवार फांदकर भागने, बारिश में फुटबाल खेलने जैसी हरकतें करते थे। इससे उनका एक तरह से अनजाने में ही कई तरह की प्रैक्टिस हो जाती थी।
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इसका फायदा तब मिला, जब वह फास्ट बॉलिंग के लिए गये। एकेडमी में उनके टीचर बोले कि बचपन में जो जितना डिफरेंट तरह के गेम खेलता है, वह उतना ही फास्ट बॉलर बन पाता है।
उन्होंने बताया कि अक्सर उनकी साथियों के साथ खूब हंसी मजाक होती थी। टूर के दौरान खिलाड़ियों को जो टिकट मिलते थे, उसके बारे में उनको कोई जानकारी नहीं थी। इंग्लैंड दौरे पर वे सचिन तेंदुलकर से पूछे कि क्या वे दो टिकट यूज कर सकते हैं तो उन्होंने कहा कि तेरे को क्या करना है।
एक बार ऑस्ट्रेलिया का टूर था। उस समय उनका प्रदर्शन अच्छा नहीं हो रहा था। तब वह सचिन तेंदुलकर के पास गये और उनसे कुछ टिप्स मांगे। सचिन ने उनको बताया कि होप रखो, फीलिंग करो। दूसरी तरफ विराट कोहली हर चीज के लिए बिलीफ की बात करते हैं यानी कि खुद पर भरोसा है तो कुछ भी कर सकते हो।
इशांत ने बताया कि उनके समय में सीनियर खिलाड़ी बहुत सपोर्ट करते थे। अगर किसी की गलती से मैच हार जाते थे तो वे उसको समझाने और खुद में सुधार लाने के लिए जरूरी टिप्स देते थे। बैठाकर बताते थे। ऐसा नहीं था कि एक-दूसरे के बारे में किसी तीसरे से कहें और मजाक उड़ाएं।