केरल के क्रिकेटर और राजस्थान रॉयल्स के कप्तान संजू सैमसन अपने प्रदर्शन से आईपीएल 2023 में सबसे दमदार खिलाड़ियों में गिने जा रहे हैं। वह दाएं हाथ के शीर्ष क्रम के बैटर हैं और टीम के लिए विकेटकीपिंग भी करते हैं। आज की डेट में सैमसन एक स्टार क्रिकेटर हैं, हालांकि शुरु में वह क्रिकेट में आने के इच्छुक नहीं थे। बचपन में उनकी दिलचस्पी पुलिस अधिकारी बनने की थी। वह चाहते थे कि आईपीएस ऑफिसर बनकर देश की सेवा करें। उनके पिता भी पुलिस विभाग में थे और कांस्टेबल के पद पर नौकरी कर रहे थे। पिता नौकरी के साथ एक अच्छे फुटबॉलर भी थे और संतोष ट्राफी टूर्नामेंट में दिल्ली की ओर से खेलते थे।
पिता की सलाह पर संजू ने अपना फोकस क्रिकेट पर कर दिया
पुलिस की नौकरी में काफी तनाव और दिक्कतों को देखते हुए उनके पिता ने संजू सैमसन से अपना कैरियर क्रिकेट में बनाने को कहा। उनको क्रिकेट में आगे बढ़ाने के लिए पिता ने अपनी कांस्टेबल की नौकरी भी छोड़ दी। पिता की सलाह पर संजू ने अपना फोकस क्रिकेट पर करना चालू किया।
जड़ मजबूत करने के लिए शुरू में एक एकेडमी से कोचिंग ली
शुरू में उन्होंने दिल्ली की एक एकेडमी में प्रवेश लेकर कोच यशपाल से ट्रेनिंग ली। बाद में वह तिरवनंतपुरम गये और वहां एक क्रिकेट क्लब ज्वाइन कर लिया। सैमसन शुरू से मेहनती और फोकस वाले खिलाड़ी रहे हैं। जिस काम को करते थे, उसमें पूरा मन लगाते हैं। क्रिकेट में भी उन्होंने ऐसा ही किया और लगातार आगे ही बढ़ते रहे।
नागपुर में विदर्भ के खिलाफ खेलकर प्रथम श्रेणी क्रिकेट में एंट्री की
प्रथम श्रेणी के क्रिकेट में सैमसन की एंट्री 2011 में विदर्भ के खिलाफ नागपुर से हुई। इसके बाद वह लिस्ट ए मुकाबले में बेंगलुरू में आंध्र प्रदेश के खिलाफ खेले। टीम इंडिया में उनको पहला अवसर 2021 में श्रीलंका के खिलाफ कोलंबो में एक दिवसीय मैच से मिला। इसके पहले इसी साल उनको टी20आई में जिम्बाब्वे के खिलाफ खेलने का अवसर मिला था।
आईपीएल में वे 2013 में राजस्थान रॉयल्स की ओर से किंग्स इलेवन पंजाब के खिलाफ पहली बार मैदान में उतरे। आईपीएल में 41 गेंदों पर 63 रन बनाकर उन्होंने सबसे कम उम्र में अर्धशतक बनाने वाले खिलाड़ी बने।