Indian Umpire Visiting Card: कभी-कभी कुछ ऐसी घटनाएं हो जाती हैं, जिनके बारे में सोचा भी नहीं गया था। 2007 में भारत-पाकिस्तान के बीच दिल्ली में मैच था। इसको कवर करने के लिए पाकिस्तानी खेल पत्रकार, विश्लेषक और क्रिकेट कमेंटेटर मिर्जा इकबाल बेग दिल्ली आए थे। यहां से उनको जमशेदपुर जाना था। फ्लाइट का टिकट नहीं मिल पाने से वे ट्रेन से यात्रा कर रहे थे। ट्रेन के उसी कोच में भारत के एक अंपायर भी जा रहे थे। फेस टू फेस होने पर बेग उनको पहचान लिये। 1999 में दिल्ली टेस्ट में पाकिस्तान के खिलाफ जब अनिल कुंबले ने दस विकेट लिये थे तो उस मैच में वही अंपायरिंग कर रहे थे।
बेग ने बताया कि उसका ताल्लुक बेंगलुरु से था और उसने कई कंट्रोवर्सियल डिसीजन दिये थे। जब मिर्जा इकबाल बेग ने उनसे उस मैच की चर्चा की और पूछा कि आपने ईमानदारी से डिसीजन दिये तो वह घबड़ा गये। बेग ने बताया कि उन्होंने अपना विजिटिंग कार्ड दिया। उस विजिटिंग कार्ड पर उन पाकिस्तानी खिलाड़ियों की तस्वीरें बनी थीं, जिनको अनिल कुंबले ने आउट किया था। ऐसा लग रहा था कि मानों कुंबले ने नहीं, उन्होंने ही आउट किये थे।
Indian Umpire Visiting Card: जानकारों ने जताई पक्षपात की आशंका
1999 के इस टेस्ट मैच में अनिल कुंबले ने यह कारनामा करके दुनिया के दूसरे गेंदबाज जरूर बन गये थे, लेकिन उनकी यह उपलब्धि विवादस्पद बन गई थी। क्रिकेट के तमाम जानकारों का मानना था कि यह सही नहीं है। जो कुछ हुआ उसमें कहीं न कहीं पक्षपात की आशंका है।
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मैच के अंपायर के बारे में भी कहा गया कि वे बेंगलुरु के हैं और अनिल कुंबले भी बेंगलुरु के हैं। इसके अलावा दूसरी छोर से गेंदबाजी कर रहे श्रीनाथ को अजहरुद्दीन की सलाह भी शक पैदा करता है।
इससे पहले पाकिस्तान ने चेन्नई टेस्ट जीतकर भारत से 1-0 से आगे चल रहा था। यह मैच इस मायने में भी महत्वपूर्ण था कि भारत का टॉप आर्डर बिखर चुका था। सचिन तेंदुलकर शतक पूरा करके मैदान पर जमे हुए थे।
वह भारत को जीत दिलाने के काफी करीब पहुंच चुके थे और खेल रहे थे। लेकिन सकलैन मुश्ताक ने एक जैसी गेंदबाजी करके पहले सचिन को बांधे रखा, बाद में वैरिएशन लाकर उनको भ्रमित कर दिया और मैच को भारत के हाथ से निकाल दिया। इस तरह पाकिस्तान पहले टेस्ट जीत गया। इस टेस्ट मैच में पाकिस्तान ने कड़ी मेहनत की थी।