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जब श्रेयस अय्यर के प‍िता को लग गया था डर, कहीं क‍िसी लड़की से तो नहीं है चक्‍कर

Shreyas Aiyyar | Team India | Cricketer

टीम इंडिया के क्रिकेटर श्रेयस अय्यर। (फोटो- फेसबुक)

श्रेयस अय्यर शुरू में बड़े आक्रामक ख‍िलाड़ी थे। प‍िच प‍र ट‍िक कर खेलने की च‍िंता करते ही नहीं थे। बॉल आया, मारते जाओ…वाली स्‍ट्रैटजी थी। एक टेस्‍ट मैच में द‍िन का आख‍िरी ओवर था और श्रेयस छक्‍का जड़ रहे थे। राहुल द्रव‍िड़ ने ड्रेस‍िंग रूम से बाहर आकर उनसे कहा भी- ये क्‍या था!

उनकी इस आक्रामकता के चलते ही टीम इंड‍िया में उनका सेलेक्‍शन नहीं हुआ, जबक‍ि उनसे कमतर प्रदर्शन करने वाले ख‍िलाड़‍ियों का हुआ। अय्यर ने चयनकर्ताओं से वजह पूछी तो यही बताया गया क‍ि आपका खेल जरूरत से ज्‍यादा आक्रामक है। इसके बाद श्रेयस ने अपना खेल बदलने पर फोकस क‍िया।

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शुरू-शुरू में श्रेयस मैदान पर ही आक्रामक नहीं थे, घर पर भी उनका व्‍यवहार कुछ ऐसा ही थे। जब उनकी मां पूछा करती थीं क‍ि आज खाने में क्‍या बनाऊं? तो श्रेयस सीधा जवाब देने के बजाय अपने कुत्‍ते को लाते और बोलते- आज इसकी ब‍िरयानी बना दो।

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यही नहीं, जब श्रेयस की मां क‍िचन में कुछ बना रही होती थीं तो अक्‍सर वह क‍िचन आकर मां से पूछते- क्‍या ब‍िगाड़ रही हो? श्रेयस की आदत ही कुछ ऐसी है। वह अपने दोस्‍तों को भी भड़काते हैं। जब दोस्‍तों को घर पर गेम खेलने के ल‍िए बुलाना होता है तो वह सीधे इनवाइट नहीं करते। उनका अंदाज कुछ इस तरह होता है- आ जा, एक और बार हारने के ल‍िए आ जा। कई बार यह उनकी स्‍ट्रैटजी होती है। ऐसा कह कर गुस्‍सा द‍िलाने की, ताक‍ि वह गुस्‍से में खेले और खेल पर फोकस न कर सके।

श्रेयस के प‍िता ने बेटे को तभी से क्र‍िकेट खेलाना शुरू कर द‍िया था, जब श्रेयस चार साल के थे। उनके प‍िता क्र‍िकेट खेल चुके थे। सो, उन्‍होंने तभी भांप ल‍िया था क‍ि श्रेयस का खेल अच्‍छा है और यह आगे चल कर अच्‍छा कर सकता है। उनका अनुमान सच ही न‍िकला। उनका बेटा रंजन (श्रेयस का घर का नाम) टीम इंड‍िया का स्‍टार क्र‍िकेटर श्रेयस अय्यर बना।

अंडर 16 के दौर में श्रेयस का प्रदर्शन अच्‍छा नहीं था। उनके प‍िता को बड़ी च‍िंंता होती थी। उन्‍होंने ब‍िना श्रेयस की जानकारी के उनके कोच से बातचीत की। कोच ने बताया- फोकस नहीं है। यह सुन कर प‍िता के द‍िमाग में कई तरह की बातें आने लगी थीं।

वह सोचने लगे थे- कहीं गर्लफ्रेंड का चक्‍कर तो नहींं है, गलत संगत में तो नहीं पड़ गया वगैरह-वगैरह… तब उनके प‍िता उन्‍हें एक स्‍पोर्ट साइकोलॉज‍िस्‍ट के पास भी ले गए थे। उन्‍होंने बताया- कोई समस्‍या नहीं है। सब ठीक हो जाएगा।

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