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मुझे मानसिक रूप से टॉर्चर किया, गालियां दी, मेरा करियर बर्बाद किया, अंबाती रायुडू ने पूर्व चीफ सेलेक्टर पर लगाए गंभीर आरोप

पूर्व भारतीय क्रिकेटर अंबाती रायुडू

पूर्व भारतीय क्रिकेटर अंबाती रायुडू

IPL 2023 में CSK (Chennai Super Kings) चैंपियन बनी जिसमें अंबाती रायुडू (Ambati Rayudu) का बड़ा योगदान रहा। आईपीएल का खिताब अपने नाम करने के बाद अंबाती ने क्रिकेट को अलविदा कह दिया था लेकिन अब वो अपने एक बयान की वजह से सुर्खियों में हैं। अंबाती ने BCCI (Board of Control for Cricket in India) के पूर्व अध्यक्ष पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि अपने बेटे का करियर बनाने के लिए उन्होंने मेरा क्रिकेट करियर पूरी तरह से बर्बाद कर दिया।

एक इंटरव्यू के दौरान रायुडू ने सवाल का जवाब देते हुए कहा कि पूर्व क्रिकेटर और BCCI के पूर्व अध्यक्ष शिवलाल यादव की वजह से मैं लंबे वक्त तक टीम इंडिया की ओर से नहीं खेल पाया। शिवलाल यादव ने अपने बेटे का करियर बनाने के लिए मेरे करियर को दांव पर लगा दिया। उन्होंने कहा कि जब मैं छोटा था, तभी से ही हैदराबाद क्रिकेट एसोसिएशन में पॉलिटिक्स शुरू हो गई थी। अंबाती रायुडू ने आरोप लगाया कि शिवलाल यादव के पुत्र अर्जुन यादव को टीम इंडिया में शामिल करने के लिए काफी ज्यादा परेशान किया गया। मैं अर्जुन यादव से अच्छा प्रदर्शन कर रहा था इसलिए मुझे हटाने की हर मुमकिन कोशिश की गई।

‘मुझे गालियां दी गईं, मानसिक रूप से टॉर्चर हुआ’

पूर्व भारतीय क्रिकेटर अंबाती रायुडू ने कहा कि मैंने 2003 से 2004 में इंडिया-A के तरफ से अच्छा प्रदर्शन किया था लेकिन साल 2004 में सेलेक्शन कमेटी बदल गई और उस वक्त शिवलाल यादव के खास लोग कमेटी में शामिल हो गए इसलिए मुझे मौका नहीं दिया गया।  मुझसे 4 साल तक किसी को बात तक नहीं करने दी।  शिवलाल यादव के छोटे भाई ने मुझे गालियां दीं। मुझे मानसिक रूप से काफी परेशान किया गया। अंबाती रायुडू ने कहा कि टीम के बाकी खिलाड़ी मुझसे बात करने में हिचकिचाते थे। मुझसे बात करने वालों को टीम से बाहर कर दिया गया। उस वक्त मेरे साथ बहुत भेदभाव किया गया। अंबाती ने युवा खिलाड़ियों को सलाह दी कि एक खिलाड़ी को अच्छा प्रदर्शन तो करना ही चाहिए, इसके साथ-साथ मानसिक तौर पर भी काफी स्ट्रॉन्ग होना चाहिए।

‘वर्ल्ड कप 2019 में किया गया भेदभाव’

2019 वर्ल्ड कप टीम का जिक्र करते हुए अंबाती रायुडू ने बताया कि उन्हें वर्ल्ड कप की तैयारी करने के लिए कहा गया था लेकिन चीफ सेलेक्टर एमएसके प्रसाद ने उन्हें मौका ही नहीं दिया और उनकी जगह विजय शंकर को टीम में शामिल किया गया। इस पर अंबाती रायुडू को काफी गुस्सा आया था। 

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