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‘मैं और कोई दर्द झेल सकता हूं लेकिन क्रिकेट को न खेलने का दर्द नहीं’, इरफान ने साझा किया अपने सफर का अफ़साना

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टीम इंडिया के खिलाड़ी रहे इरफान पठान। (फोटो- फेसबुक)

गुजरात के वड़ोदरा के नजरबाग पैलेस के करीब रहने वाले दो भाइयों का जीवन बेहद गरीबी में बीता था। आर्थिक अभाव के साथ ही उनके पास कोई ऐसा नहीं था जो उनका मनोबल बढ़ाए। वे दोनों भाई क्रिकेट के दीवाने थे और पढ़ाई के साथ ही क्रिकेट की प्रैक्टिस करने के लिए पास के मैदान में नियमित रूप से जाया करते थे। घर ऐसा था कि उसमें बाथरूम बाहर से था। बगल में मस्जिद थी।

एक साइकिल से दोनों भाई स्कूल, मैदान और कोच के पास जाया करते थे

संयोग से उनके पास एक साइकिल थी, जिससे वे रोजाना स्कूल, फिर खेलने के लिए मैदान और फिर कोच के पास जाते थे। यानी एक साइकिल पर दोनों भाई साथ-साथ सब जगह जाते थे। दोनों भाइयों में एक का नाम यूसुफ पठान था और दूसरे का नाम इरफान पठान था। वे बड़ी मेहनत करते थे और खुद को कभी कमजोर नहीं महसूस दिया। उनके इरादे चट्टानी थे। इरफान पठान संयोग से भारतीय टीम में पहले जगह बनाने में सफल हुए और यूसुफ पठान उसके बाद आए।

इरफान पठान ने टीम इंडिया में 4 जनवरी 2004 को अपने डेब्यू में ही आस्ट्रेलिया दौरे के पहले ही मैच में एडम गिलक्रिस्ट को आउट कर दिया। इसके बाद जब टीम इंडिया पाकिस्तान दौरे पर गई तो कराची टेस्ट में पहले ही दिन इरफान ने एक के बाद एक तीन विकेट लेकर हैट्रिक का कमाल करके दिखा दिया। टी20 वर्ल्ड कप में वे फाइनल में भारत को जबर्दस्त जीत दिलाई और मैन ऑफ द मैच चुने गये।

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इन सबके बीच काफी समय से पठान बंधु को कम अवसर मिल रहा था, जिसके बाद इरफान पठान ने क्रिकेट से संन्यास ले लिया था। 35 वर्षीय बाएं हाथ के तेज गेंदबाज ने भारत के लिए 29 टेस्ट, 120 वनडे और 24 टी20 मैच खेले, जिसमें कुल 301 अंतरराष्ट्रीय विकेट लिये। इससे पहले एक भावनात्मक पोस्ट में इरफान पठान ने लिखा कि चोटों की वजह से उन्हें काफी दिक्कत हुई लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मान है।

“2010 की बात है, मेरी कमर में 5 फैक्चर हुए थे। मेरे फिजियोथेरेपिस्ट ने मुझसे कहाकि मैं शायद अब कभी भी क्रिकेट नहीं खेल पाऊंगा मुझे सपने देखना बंद कर देना चाहिए। उस रोज मैंने उनसे कहा- मैं और कोई दर्द झेल सकता हूं लेकिन अपने देश के लिए इस शानदार खेल को ना खेलने का दर्द नहीं झेल सकता। मैंने बहुत मेहनत की, ना सिर्फ दोबारा क्रिकेट खेला बल्कि टीम इंडिया में वापसी की। मैंने अपने करियर और जिंदगी में तमाम अड़चनें देखी हैं लेकिन कभी हार नहीं मानी। आगे भी मेरी यही सोच रहेगी। जिंदगी में एक बार फिर मेरे सामने अड़चन आई है, लेकिन मैं इससे बाहर निकलूंगा। अपने चाहने वालों और शुभचिंतकों के साथ अपनी बात साझा करने का दिल किया।”

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