How Mithali Raj Became Cricketer:
Stories

How Mithali Raj Became Cricketer: भाई को ट्रेनिंग देने घर आते थे कोच, मिताली को देखा तो बोले- बन सकती हैं अच्छा क्रिकेटर, फिर यह हुआ

How Mithali Raj Became Cricketer: मिताली राज भारतीय महिला क्रिकेट टीम की खिलाड़ी और कप्तान रही हैं। वह जिस परिवार से आती हैं, उसमें महिलाओं की बड़ी इज्जत होती है। यही वजह है कि जब उनके पिता को पता चला कि मिताली में क्रिकेट के प्रति रुचि है तो उन्होंने उसको आगे बढ़ाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। इससे मिताली के लिए यह एक अच्छा अवसर था कि उनको परिवार का सपोर्ट मिला।

How Mithali Raj Became Cricketer : ऐसे हुई क्रिकेट खेलने की शुरुआत

मिताली के पिता भी क्रिकेट में रुचि रखते थे और शुरू में क्रिकेटर बनना चाहते थे, लेकिन वे बहुत आगे नहीं बढ़ सके। उनके बेटे और मिताली के भाई को भी क्रिकेट में रुचि थी। उनको कोचिंग देने के लिए एक ट्रेनर उनके घर आया करते थे। इस दौरान मिताली अक्सर उनके बॉल छिपा दिया करती थी। जब कोच को मालूम हुआ तो उन्होंने महसूस किया कि मिताली एक अच्छा क्रिकेटर बन सकती है। इस तरह क्रिकेट की तरफ मिताली राज की शुरुआत हुई।

Also Read: पापा बनना चाहते थे क्रिकेटर, खुद नहीं बन सके तो बेटे में देखा भविष्य; उर्विल पटेल में ऐसे पड़ी क्रिकेट खिलाड़ी की बुनियाद

बात उनके पिता तक पहुंची तो उन्होंने खुशी-खुशी मिताली को क्रिकेट खेलने और उसमें आगे बढ़ने की अनुमति दे दी। शुरू में भरत नाट्यम सीखने वाली मिताली ने एक बार जब क्रिकेट के मैदान में कदम रखा तो फिर लगातार बढ़ती ही रहीं। हालांकि पहले की तुलना में क्रिकेट में महिलाओं की स्थिति में अब काफी सुधार हुआ है। पहले आज की तरह लड़कियां इतनी आजादी के साथ नहीं खेल सकती थीं।

मिताली ने बताया कि जब वह 16 साल की थीं तब उनके पापा उनको कैंप तक रोज छोड़ने आते थे और फिर लेने आते थे। लेकिन आज इस उम्र की लड़कियां स्वयं सक्षम हैं। अब तो वे हमें बताती हैं कि हमें क्या करना चाहिए। एक तरह से हम उनसे सीखते हैं। वे बहुत तेज हैं।

मिताली का यह भी मानना है कि जिस तरह की बुनियादी सुविधाएं आज मौजूद हैं, उसका फायदा उन्हें मिल रहा है। पैसे भी बहुत हैं। इससे उन्हें आगे बढ़ने में काफी आसानी हो रही है। पहले ऐसा नहीं था। तब कई बार लड़कियों को कहीं आने-जाने के खर्चे के लिए किसी के स्पांसर की जरूरत पड़ती थी। यहां तक कि विदेशों में सीरीज खेलने के लिए कहीं से कोई पैसा नहीं मिलता था। खुद ही खर्च कर जाना पड़ता था।

वेंकट नटराजन खेल पत्रकार हैं। क्रिकेट में इनकी ना केवल रुचि है, बल्कि यह क्रिकेट के अच्छे खिलाड़ी भी रह चुके हैं। क्रिकेट से जुड़े क़िस्से लिखने के अलावा वेंकट क्रिकेट Match Live Update, Cricket News in Hindi कवर करने में भी माहिर हैं।