Historical Victory of India: जब पाकिस्तान को चार बॉल पर केवल पांच रनों की जरूरत थी, जोगिंदर शर्मा और श्रीसंत ने किया था ऐसा कमाल
Historical Victory of India: क्रिकेट वह खेल है, जिसमें अंतिम बॉल तक उम्मीद बरकरार रहती है। क्रिकेट में सबसे अच्छी टीम भी सबसे कमजोर टीम से हार जाती है और सबसे कमजोर टीम भी सबसे अच्छी टीम को हरा देती है। इसलिए यह बहुत ही अनिश्चितता का खेल है। 2007 में महेंद्र सिंह धोनी के नेतृत्व वाली टीम ने टी20 वर्ल्ड कप में पाकिस्तान को हराकर ऐतिहासिक जीत हासिल की थी।
Historical Victory of India: भारत के लिए शानदार जीत थी
यह ऐसा मैच था, जिसमें पाकिस्तान को जीत के लिए 6 गेंदों पर केवल 13 रन की जरूरत थी। पाकिस्तानी खिलाड़ी मिस्बाह उल हक मैदान पर बैटिंग कर रहे थे। भारत के जोगिंदर शर्मा बॉलिंग कर रहे थे।
उनकी पहली बॉल वाइड गई। तीसरी बाल पर मिस्बाह उल हक ने छक्का मार दिया। अब पाकिस्तान को केवल पांच बाल पर पांच रन की जरूरत थी। जोगिंदर शर्मा की चौथी बॉल पर मिस्बाह उल हक ने फिर छक्का मारने के लिए गेंद हवा में उछाली लेकिन इस बार भाग्य भारत के साथ था और शॉर्ट फ़ाइन लेग पर खड़े श्रीसंत ने गेंद लपक ली। भारत ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की।
यह वह समय था, जब ठीक छह महीने पहले भारत वेस्टइंडीज में हुए 50 ओवर के विश्व कप मैच में शुरू में ही बांग्लादेश और श्रीलंका से हारकर बाहर हो गया था। उस समय भारतीय खिलाड़ियों के खिलाफ क्रिकेटप्रेमियों में इतना ज्यादा गुस्सा था कि वे उनके घरों पर हमला कर दिये।
खिलाड़ियों के पुतले जलाए गये। क्रिकेट कॉलमनिस्टों ने मीडिया में कड़ी आलोचना वाले शब्दों का प्रयोग करते हुए बुरा भला कहा। उनका कठोरतम एनालिसिस किया। 2007 एक ऐसा वर्ष था जब भारतीय टीम एक विश्व कप बुरी तरह हारी तो दूसरा विश्व कप शानदार तरीके से जीती।
भारत के लिए यह जीत बहुत महत्वपूर्ण थी। 2007 के टी20 वर्ल्ड कप में टीम इंडिया में अधिकतर नये और युवा खिलाड़ी थे। इसके बावजूद टीम इंडिया ने न केवल पाकिस्तान जैसी धुर विरोधी को हराया, बल्कि अंतिम बॉल तक संघर्ष किया और जीतोड़ मेहनत करके देश के लिए सम्मान कमाया। छह महीने पहले वर्ल्ड कप में बुरी तरह हारी टीम इंडिया ने इस जीत के साथ खिलाड़ियों को एक ऐसा टॉनिक दिया, जिससे वे फिर से अपने फॉर्म में लौट आए।