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मैदान पर डटे तो हटे नहीं, यशपाल शर्मा के साथ गुंडप्पा विश्वनाथ की वह यादगार पारी

Gundappa Vishwanath | Former Cricketer | World Cup |

टीम इंडिया के पूर्व वरिष्ठ खिलाड़ी गुंडप्पा विश्वनाथ। (फोटो- फेसबुक)

भारतीय क्रिकेट टीम के महान बल्लेबाज गुंडप्पा विश्वनाथ (Gundappa Vishwanath) विकेट के दोनों ओर कलात्मक अंदाज में खेलने में माहिर थे। इसके कारण उन्हें क्रिकेट का जादूगर कहा जाता था। उनके जीवन के ऐसे कई किस्से हैं, जो क्रिकेट में रुचि रखने वालों को प्रेरित करते हैं। छोटे कद के गुंडप्पा विश्वनाथ ने मैदान में क्रिकेट की बड़ी पारियां खेली हैं। हालांकि यह भी कम दुर्भाग्यपूर्ण नहीं है कि उनको वह सम्मान नहीं मिल सका, जिसके वे हकदार थे। क्रिकेट में हमेशा उनकी प्रतिभा को उनके समय के दूसरे क्रिकेटरों की तुलना में कम आंका गया।

जनवरी 1982 में चेन्नई (तब मद्रास) टेस्ट में इंग्लैंड के खिलाफ मैच खेलते हुए विश्वनाथ ने यशपाल शर्मा के साथ मैदान पर ऐसा डटे कि पूरा दिन नहीं हटे। दोनों खिलाड़ियों की जोड़ी आउट होने का नाम ही नहीं ले रही थी। इससे इंग्लैंड के गेंदबाज परेशान थे। पूरा दिन मैच खेलने का यह अनोखा रिकॉर्ड भारत के कुछ ही खिलाड़ियों के नाम है। अपने एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि यशपाल शर्मा की जगह कोई और क्रिकेटर होता तो शायद यह पारी इस तरह इतनी यादगार नहीं होती।

14 फरवरी, 1949 को बैंगलोर में जन्मे गुंडप्पा विश्वनाथ को साथी खिलाड़ी प्यार से विशी के नाम से बुलाते थे। विश्वनाथ ने टेस्ट क्रिकेट में 1969 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पहली बार कानपुर से खेले थे। खास बात यह है कि उनका वनडे इंटरनेशनल में भी उसी वर्ष एंट्री हुई। वनडे में उनकी शुरुआत इंग्लैंड के खिलाफ लीड्स में हुई।

विश्वनाथ स्पिन गेंदबाजी के मास्टर थे। दबाव में खेलने में उनका कोई जोड़ नहीं था। 1971 में वेस्टइंडीज के खिलाफ कैरेबियन टेस्ट सीरीज में पहले में 112 और दूसरे में 97 रनों का शानदार योगदान देकर भारत को महत्वपूर्ण जीत दिलाई थी। इसके अलावा इंग्लैंड के खिलाफ 1983 के विश्व कप सेमीफाइनल में एक ऐसी पारी खेली थी, जो यादगार बन गई थी।

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