Sourav Ganguly, WTC
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टीम में नहीं शामिल करने पर गांगुली ने पंजाब क्रिकेट के इस शख्स से मांगी थी मदद, खेलना पड़ा था अनजान टूर्नामेंट

किसी भी खेल में प्लेयर्स के सामने कई बार हालात ऐसे आते हैं कि वह बेबस, लाचार और एक तरह से खुद को बेरोजगार समझने लगता है। आप खिलाड़ी हैं तो जरूरी नहीं कि हर बार आप राष्ट्रीय या अंतरराष्ट्रीय टीम का हिस्सा बने ही। कई बार आपको खाली बैठना पड़ता है। यह सबके साथ हो सकता है। हालांकि कई लोग ऐसे भी हैं, जो अपनी मेहनत और लगन से टीम में जगह बनाए रखने में कामयाब रहते हैं।

क्रिकेट से बाहर हो जाने जैसा कर रहे थे महसूस

2008 में गांगुली टीम से बाहर हो गये थे। उन्हें नहीं पता था कि अब वह कब टीम में वापस आएंगे। उनके सामने अंधकार जैसे हालात थे। गांगुली चुप नहीं बैठना चाहते थे। वे परेशान जरूर थे, लेकिन शांत नहीं थे। वे खेलना चाहते थे। जब उन्हें कहीं कोई रास्ता नहीं दिखा तब उन्हें केवल एक क्रिकेट टूर्नामेंट के बारे में जानकारी मिली। वह था चंडीगढ़ में जेपी अत्र्या मेमोरियल ट्रॉफी। उन्होंने पंजाब क्रिकेट बोर्ड के एमपी पांडोव को फोन किया और उनसे किसी टूर्नामेंट में खेलने का अवसर देने को कहा।

टूर्नामेंट के प्रति उनके मन में कोई अनादर भाव नहीं था

गांगुली कहते हैं, “इस टूर्नामेंट के प्रति उनके मन में कोई अनादर भाव नहीं था, लेकिन नार्थ इंडिया को छोड़कर अधिकतर लोग शायद ही जेपी अत्र्या मेमोरियल ट्रॉफी के बारे में कभी सुने हों। यहां तक कि मैं भी इसके बारे में थोड़ा-बहुत ही जानता था, लेकिन अब चीजें अलग थीं। देखिए, कोई भी हमेशा शीर्ष पर नहीं रहा है और न ही रहेगा। जितना अधिक आप अपने मन को सबसे खराब स्थिति में रखेंगे, उतना ही आप शीर्ष पर आराम महसूस करेंगे। मुझे लगा कि मुझे जाकर खेलने की जरूरत है। तो मैंने किया। कोई अहंकार नहीं। कोई नेगेटिव विचार नहीं। मैंने सिर्फ स्थिति पर अपने विचार रखी।”

क्रिकेट करियर के सात सबसे कठिन दिन

गांगुली ने कहा यह मेरे क्रिकेट करियर के सात सबसे कठिन दिन थे। 400 से ज्यादा अंतरराष्ट्रीय मैच खेलने के बाद मुझे एक ऐसा टूर्नामेंट खेलना पड़ा जहां मैं किसी भी खिलाड़ी को जानता तक नहीं था। हालांकि मैंने 18,000 से अधिक अंतरराष्ट्रीय रन बनाए थे, लेकिन मुझे यहां जो रन बनाने थे, वे मुझे किसी भी अंतरराष्ट्रीय टेस्ट मैच की तरह ही जरूरी लगे। ये रन मुझसे अंदर से बात कर रहे थे। मुझे बता रहे हो, तुम अभी भी काफी अच्छे हो, अभी भी कहीं भी रन बनाने में सक्षम हो। आपके प्यार ने आपको नहीं छोड़ा है। खेल के लिए प्यार।

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वेंकट नटराजन खेल पत्रकार हैं। क्रिकेट में इनकी ना केवल रुचि है, बल्कि यह क्रिकेट के अच्छे खिलाड़ी भी रह चुके हैं। क्रिकेट से जुड़े क़िस्से लिखने के अलावा वेंकट क्रिकेट Match Live Update, Cricket News in Hindi कवर करने में भी माहिर हैं।