देश के महिला क्रिकेट के इतिहास में कई खिलाड़ी ऐसी रही हैं, जिन्होंने बहुत ज्यादा मेहनत कीं, देश के लिए खेलीं और कप जीतीं, लेकिन उनको ज्यादा नाम नहीं मिल सका। फावज़ीह खलीली (Fowzieh Khalili) एक ऐसी ही क्रिकेटर रहीं है, जिन्होंने महिला विश्व कप के एक सीरीज में विकेट-कीपर के रूप में सबसे ज्यादा आउट करने का रिकॉर्ड बनाया था।
10 अक्टूबर 1958 को मद्रास (अब चेन्नई) में जन्म लेने वाली फावज़ीह खलीली ने आठ टेस्ट और तेरह एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैच खेले। अपने समय में वह तमिलनाडु की ओर से खेलने वाली तेजतर्रार महिला क्रिकेटर रही हैं।
फावज़ीह दाएं हाथ की बल्लेबाज हैं। भारत की ओर से खेलते हुए फावज़ीह ने 31 अक्टूबर 1976 को पहली बार वेस्टइंडीज के लिए टेस्ट टीम में एंट्री की थीं। उन्होंने अंतिम बार 1977 में ऑस्ट्रेलिया के विरुद्ध टेस्ट मैच खेला था। पहला वनडे मैच 1978 में खेला और अंतिम 1982 में खेला।
जिस वक्त फावज़ीह टीम इंडिया के लिए क्रिकेट खेल रही थीं, उस वक्त बहुत कम महिलाएं यहां तक पहुंच पाती थीं। तब उनको उतनी पहचान भी नहीं मिलती थी और न ही उतना एक्सपोजर था। वजह यह थी कि उस वक्त न तो सोशल मीडिया था और न ही टीवी चैनल ही थे। किसी भी कंपनी की स्पांसरशिप भी नहीं मिलती थी। महिलाओं के खेलकूद को वैसे भी ज्यादा महत्व नहीं मिलता था।
महिलाओं को यात्रा के दौरान ट्रेन के जनरल बोगी में खुद की व्यवस्था पर जाना होता था। रहने और सोने के लिए किसी स्कूल या कॉलेज के हाल में जमीन पर गद्दे बिछाकर रहने पड़ते थे। ऐसे ही खाने की व्यवस्था होती थी। महिला खिलाड़ियों के इतने संघर्ष के बाद भी खेलों में भाग लेने का जुनून बनाए रखना वास्तव में बड़ी बात थी।
ऐसे में फावज़ीह जैसी कई महिलाओं ने अपने दम पर देश का प्रतिनिधित्व करके न केवल मान-सम्मान बढ़ाया बल्कि नई लड़कियों के लिए आगे बढ़ने का रास्ता भी खोल दिया।
इसके बाद सिर्फ क्रिकेट ही नहीं, दूसरे खेलों में भी लड़कियों और महिलाओं के लिए खेलने के अवसर मिलने शुरू हो गये। शुरू में दिक्कतें जरूर हुईं, लेकिन धीरे-धीरे रास्ते बनने लगे।