पाकिस्तान की पूर्व क्रिकेटर और सामाजिक कार्यकर्ता सना मीर (Sana Mir) को पाकिस्तान के इतिहास में सबसे महान महिला क्रिकेटर माना जाता है। अल्ट्रा एज पॉडकास्ट (Ultra Edge Podcast) में उन्होंने हॉस्ट रोहा नदीम (Roha Nadeem) से बात करते हुए अपनी जिंदगी का किस्सा सुनाया।
उन्होंने बताया कि जब वह इंजीनियरिंग कर रही थी, उसी समय क्रिकेट कैंप लग रहे थे। इंजीनियरिंग की पढ़ाई सेमेस्टरवाइज होने के कारण उन्हें छुट्टियां नहीं मिल रही थीं तो वह बहुत कश्मकश में थी। तब उनके अब्बू ने एक बात कही। वे बोले कि बेटा वी हैव गॉट ए लॉट ऑफ फीमेल इंजीनियर बट वी हैव नॉट गॉट ए लॉट ऑफ फीमेल क्रिकेटर. इस बात से सना की जिंदगी बदल गई और वह इंजीनियरिंग छोड़कर क्रिकेट पर फोकस करने लगीं।
उन्होंने 2005 में पाकिस्तान की ओर से अंतरराष्ट्रीय महिला क्रिकेट टीम में डेब्यू किया था। सना मीर ने कुल 226 अंतरराष्ट्रीय मैच खेले, जिनमें 137 एक दिवसीय अंतराष्ट्रीय (ODI) और 106 ट्वेंटी-20 अंतरराष्ट्रीय (T20I) मैच शामिल हैं।
एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैचों में सना मीर 100 विकेट लेने वाली पहली पाकिस्तानी महिला बनीं। उन्होंने 2009 से 2017 तक पाकिस्तान महिला क्रिकेट टीम की कप्तानी भी की, दो आईसीसी महिला विश्व कप टूर्नामेंट और दो आईसीसी महिला विश्व ट्वेंटी-20 टूर्नामेंट में टीम का नेतृत्व किया।
सना मीर का सिक्का सिर्फ मैदानों में ही नहीं चलता, बल्कि वह मैदान के बाहर भी सक्रिय रही हैं। देश में महिलाओं के अधिकारों और लैंगिक समानता के लिए उन्होंने जोरदार आवाज उठाई। महिला क्रिकेटरों के सामने आने वाली चुनौतियों के बारे में जागरूकता बढ़ाने और देश में महिला क्रिकेट के विकास को बढ़ावा देने में उनका बड़ा योगदान है।
उन्होंने व्यक्तिगत विकास पर ध्यान केंद्रित करने और अन्य क्षमताओं में क्रिकेट में योगदान देने के लिए अप्रैल 2019 में खेल से संन्यास ले लिया। इस दौरान महिला क्रिकेट में सना के योगदान और उनकी उपलब्धियों ने उन्हें दुनिया भर में लोकप्रिय बना दिया था। वह कई बार महिला अधिकारों के लिए सड़क से लेकर सरकारी संस्थाओं तक लड़ती नजर आईं। इसका नतीजा है कि वह आज की लड़कियों के लिए न केवल एक रोल मॉडल हैं, बल्कि उनके लिए वह एक लीडर भी हैं। आज वह ट्रेनर के रूप में महिला क्रिकेटरों को आगे बढ़ा रही हैं और पाकिस्तान के लिए कमेंटरी करती हैं।