अपने जमाने में दुनिया के सभी खतरनाक और तेज बॉलरों का मुकाबला करने वाले जिमी अमरनाथ यानी मोहिंदर अमरनाथ अपनी निजी जिंदगी में भी बहुत खतरनाक हरकतें करते थे। कई बार वे शरारतन भी ऐसा करते थे और कई बार जानबूझकर करते थे। उनके कई ऐसे किस्से हैं। ऐसा ही एक किस्सा दस रुपये वाला है, जिसे उन्होंने खुद एक टीवी इंटरव्यू में बयां किया था।
मोहिंदर अमरनाथ एक दिन अपनी मां के पास पहुंचे और दस रुपये मांगे। तब मोहिंदर अमरनाथ का परिवार पटियाला की एक ऊंची इमारत के दूसरे तल्ले पर रहा करता था। मोहिंदर ने अपनी मां से कहा कि पैसे नहीं दोगी तो वह छत से कूद जाएगा। मां को बहुत गुस्सा आया। उन्होंने भी तय कर लिया कि पैसे नहीं देंगे। किसी भी कीमत पर नहीं देंगे।
अमरनाथ को लगा कि मां नहीं मान रही हैं तो वे खिड़की के पास पहुंचे और बोले जा रहा हूं कूद जाने। मां ने कहा कि कूद जाओ। मोहिंदर बार-बार खिड़की से कूदने की बात कहते लेकिन कूद नहीं रहे थे। उनको लगा कि ऐसा देखकर मां उनको पैसा दे देगी, लेकिन वे नहीं सुनीं। उलटा मां ने ही कह दिया कि जल्दी कूदो नहीं तो मैं खुद ही धक्का दे दूंगी। इसके बाद मोहिंदर समझ गये कि अब दाल नहीं गलने वाली है।
मोहिंदर अमरनाथ तीन भाई हैं। मोहिंदर बीच के हैं। तीनों भाई पिता लाला अमरनाथ से जितना डरते थे, मां के उतना ही करीब थे। मोहिंदर बताते हैं कि पिता का सख्त अनुशासन था। उनके सामने बोल पाना किसी हारते हुए टूर्नामेंट को जीत लेना जैसा कठिन था। लेकिन जब बात क्रिकेट की आती थी तो वे बेहद सरल हो जाते थे।
मोहिंदर ने कहा कि क्रिकेट चाहे जब खेलूं, सुबह, दोपहर, शाम और रात वे कभी भी रोक नहीं लगाये। यही वजह था कि क्रिकेट में पिता लाला अमरनाथ जिन ऊंचाइयों को छूए हैं, उसी तरह अपने बेटे मोहिंदर अमरनाथ को भी आगे बढ़ने के लिए लगातार प्रेरित करते रहे।