यूपी के उन्नाव जिले के बांगरमऊ तहसील क्षेत्र के गंगा कटरी के रतई पुरवा गांव से निकली गरीब परिवार की एक लड़की को कुछ साल पहले तक यह नहीं पता था कि क्रिकेट कौन सा खेल है। लेकिन एक बार जब वह जान गई और उसने खेलना शुरू किया तो बहुत जल्द कामयाबी की सीढ़ियां चढ़ने की कला में माहिर हो गई। 18 साल की अर्चना देवी नाम उस टीम का हिस्सा बनी जो अभी हाल ही में अंडर-19 टी20 वर्ल्ड कप चैंपियन बनकर लौटी है।
Also Read: आईपीएल 2023: 11 अरब डॉलर का हुआ फटाफट क्रिकेट, 16 साल में 4 गुना बढ़ी प्राइज मनी
दक्षिण अफ्रीका के पोचेफस्ट्रूम (Potchefstroom, South Africa) के सेनवेस पार्क (Senwes Park) में फाइनल मुकाबले में भारतीय टीम ने इंग्लैंड की टीम को 7 विकेट से हरा दिया और वर्ल्ड कप की शानदार ट्राफी के साथ अपने घर लौटी। इस कामयाबी में अर्चना देवी ने अहम भूमिका निभाई। अर्चना गेंदबाजी में ऑफ स्पिनर हैं और फाइनल मुकाबले में उन्होंने तीन ओवरों में 17 रन देकर दो विकेट झटकी थीं।
अर्चना जब चार साल की थी तभी उनके पिता की कैंसर से मौत हो गई। इसके बाद उनके भाई को सांप ने काट लिया और उसकी भी मौत हो गई। अब परिवार की जिम्मेदारी उनकी मां पर थीं। मां के पास संपत्ति के नाम पर एक छोटा सा घर था, जिसक छत पुआल से बनी है।
मां एक गाय रखी हैं। उसके दूध से खोया बनाकर बेचती हैं साथ ही मजदूरी करती हैं। अब जब अर्चना विश्व कप जीतकर घर पहुंची तो मां को पता चला कि उनकी बेटी ने कितना बड़ा कमाल किया है।
हालांकि मां को क्रिकेट के बारे में अब भी कोई खास जानकारी नहीं है। उनको बेटी के इस काम से बहुत खुशी हो रही है, लेकिन एक बात का दुख भी है कि अर्चना के पिता को यह दिन देखने को नहीं मिला।