क्रिकेटर युजवेंद्र चहल का जब टीम इंडिया के लिए चयन हुआ था तो आधे घंटे तक वह लिस्ट ही देखते रह गए थे। पहले तो उन्होंने बीसीसीआई की वेबसाइट पर अपलोड लिस्ट देखी। 16वें नंबर पर अपना नाम देखा तो यकीन ही नहीं हुआ। उन्होंने लिस्ट में बीसीसीआई का लोगो आदि देख कर तसल्ली की कि लिस्ट बीसीसीआई ने ही जारी की है। यकीन हो गया तो वह खूब रोए। फिर आधा घंटा तक सामने वह लिस्ट खोले ही रहे। इस बीच, फोन पर बात भी की, लेकिन वह कागज सामने ही रहा। जिस दिन उन्होंने जर्सी पहनी तो जर्सी पहन कर काफी देर तक शीशे के सामने ही खड़े रहे और हर एंगल से खुद को देखते रहे।
वनडे की पहली कैप महेंद्र सिंह धौनी के हाथों मिला
चहल को वनडे की पहली कैप महेंद्र सिंह धौनी के हाथों मिला। वह धौनी से जिम्बाब्वे में पहली बार मिले थे। वह उन्हें माही सर कह कर बुलाते थे। दो-तीन बार सुनने के बाद धौनी ने उन्हें बुलाया और कहा- धौनी, माही, महेंद्र सिंह धौनी या भाई जो बोलना है बोल ले। चहल के मुंह से निकल गया- ठीक है सर। धौनी बोले- तू चला जा, तुझसे नहीं होगा। चहल ने ओके भैया कह कर जवाब दिया।
मुंबई इंडियंस में चहल का डेब्यू रोहित शर्मा ने कराया
टीम इंडिया में रोहित शर्मा से चहल की काफी दोस्ती रही। उनका कहना है कि मुंबई इंडियंस में चहल का डेब्यू रोहित शर्मा के चलते ही हो सका था। उस समय रिकी पोंटिंग कप्तान थे। उनका अच्छा नहीं जा रहा था। कोलकाता में एक दिन रोहित शर्मा चहल के कमरे में आए और कहा- मैं अब मुंबई इंडियंस का कप्तान हूं। पोंटिंग बहुत अच्छा नहीं खेल रहे। इसलिए उन्हें आराम दिया जा रहा है। आज तू खेल। चहल हैरान रह गए। उन्होंने कहा- हरभजन, ओझा टीम में हैं। रोहित ने सिर हिलाते हुए कहा- तू खेल रहा है आज।
रोहित से चहल की बॉन्डिंंग इतनी अच्छी है कि वह उन्हें ‘रोहिता शर्मा’ बुलाते हैं। एक इंटरव्यू में खुद चहल ने यह राज खोला। लेकिन, उन्होंने यह नहीं बताया कि इस नाम के पीछे की कहानी क्या है।
युजवेंद्र का सरनेम चहल है। लेकिन, कई लोग ‘चाहल’ बोलते हैं। इस बात को लेकर उनके पिता बेहद नाराज होते हैं। वह युजवेंद्र से कहते हैं- उन्हें बताते क्यों नहीं कि तुम्हारा नाम चहल है, चाहल नहीं। वैस उनका पूरा नाम युजवेंद्रा चहल है। लेकिन लोगों को नाम लेने में मुश्किल होती है तो युजी बोलते हैं।
यजुवेंद्रा नाम का एक क्रिकेटर था, जिसने एक मैच में सात कैच पकड़े थे। चहल के पिता ने बेटे का नाम बदल कर उन्हींं के नाम पर यजुवेंद्रा रख दिया। पहले उनका नाम था युजवेंद्र, बाद में पिता ने कर दिया यजुवेंद्रा। खास बात यह है कि जब चहल ने छह विकेट लिए थे तो यजुवेंद्रा ने उन्हें फोन भी किया था।
चहल को खाने में बटर चिकन खूब पसंद है। लेकिन, चिकन से ज्यादा करी पसंद है। दिल्ली का स्ट्रीट फूड वह पसंद करते हैं। किसी ढाबे का दाल तड़का और छोले कुल्चे उन्हें पसंद आते हैं। पानी-पुरी भी उन्हें पसंद हैं।