Site icon Cricketiya

कप्तान ने मेरे लिए फाइट न की होती तो मैं आज भारत के लिए न खेल रहा होता, उमेश यादव ने बताई संघर्ष की कहानी

Team India | Cricketer | Cricketer Story | IPL 2023

महेंद्र सिंह धौनी के साथ टीम इंडिया और आईपीएल 2023 के खिलाड़ी उमेश यादव। (फोटो- फेसबुक)

उमेश यादव (Umesh Yadav) गली मोहल्लों में क्रिकेट खेलकर बड़े हुए थे। वह अपने दोस्तों के साथ टेनिस बॉल से खेलते थे। तेज बॉलिंग करते थे। कुछ लोग उनको ऐसा खेलते हुए देखे तो उनकी बात नागपुर क्रिकेट एसोसिएशन के सेक्रेटरी तक पहुंचाई। एक दिन उनको विदर्भ क्रिकेट ग्राउंड पर खेलने के लिए बुलाया गया। वहां उन्होंने आठ विकेट झटके। इसके बाद उनको ग्राउंड पर बुलाया गया। कोच ने नाम पूछा।

फिर कहा कि जूते तो उमेश ने बताया कि जूते तो यही हैं स्पाइक्स नहीं। कोच ने कहा कि पता नहीं क्या। तेज बालिंग करने के लिए स्पाइक्स जरूरी है। ऐसे ही बॉलिंग करोगे। कोच ने कहा कि जाओ ऐसे नहीं हो पाएगा। इसके बाद उमेश निराश हो गये थे। वे क्रिकेट छोड़ने का मन बना चुके थे, लेकिन दोस्तों ने समझाया तो वे फिर से खेलने के लिए राजी हो गये।

उमेश ने बताया कि वे कभी अंडर एज क्रिकेट खेले नहीं थे। जब रणजी ट्रॉफी के लिए चयन हुआ तो वहां पर कप्तान प्रीतम गंधे ने उनके लिए बहुत प्रयास किया और सपोर्ट किया। उन्होंने उमेश को खेलते हुए देखा था और उनसे प्रभावित थे। वे उमेश के लिए लड़ रहे थे। बोले कि उमेश को नेट पर खेलते हुए देखा है और वह काफी तेज बॉलिंग करता है।

यहां भी रणजी ट्रॉफी में भी वही कोच थे, जिन्होंने स्पाइक्स नहीं होने पर उमेश को भगा दिया था। जब कप्तान ने उनसे कहा कि उमेश को टीम में लेना है तो वे बोले उमेश तेज है, अच्छी बॉलिंग करता है लेकिन अभी रॉ है और उसको रखना सही नहीं होगा। रणजी ट्रॉफी मैच बड़ा मैच है।

उसमें पता नहीं क्या करेगा। कप्तान ने कहा कि जो है सही है, मैं कैप्टन हूं मुझे उमेश चाहिए। उमेश कहते हैं कि अगर कप्तान ने सपोर्ट नहीं किया होता तो वे आज भारत के लिए नहीं खेल रहे होते। लाइफ में वह दिन टर्निंग प्वाइंट था। उनकी वजह से उस सीजन में चार मैच खेले और 20 विकेट मिले और दलीप ट्रॉफी के लिए सेलेक्ट हुआ।

Exit mobile version