Dennis Lillee and Gavaskar controversy
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Dennis Lillee and Gavaskar controversy: अंपायर ने दिया LBW आउट तो नाराज हो गये लिटिल मास्टर, यह था पूरा किस्सा

Dennis Lillee and Gavaskar controversy: क्रिकेट के मैदान में खिलाड़ियों में आपसी विवाद और कहासुनी होना बहुत आम बात है। ऐसा हमेशा से होता रहा है। जब क्रिकेट इतना प्रोफेशनल और इतना धनवान खेल नहीं था, तब भी ऐसा होता था और आज भी ऐसा होता है।

Dennis Lillee and Gavaskar controversy: सुनील गावस्कर बोले- बचा जा सकता था उससे

भारत के महान क्रिकेटर सुनील गावस्कर ने अपने साथ हुई एक घटना का जिक्र करते हुए एक इंटरव्यू में कहा कि 1981 में उनसे एक चूक हो गई थी। हालांकि वह उनके कैरियर का शुरुआती वक्त था। वह एक ऐसी घटना थी, जिसके लिए उन्हें अब खेद हो रहा है। उससे बचा जा सकता था।

तीन टेस्ट मैचों की सीरीज में तीसरा मैच मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड (MCG) पर था

हुआ यह था कि भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया के दौरे पर थी। तीन टेस्ट मैचों की सीरीज में तीसरा मैच मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड (MCG) पर था। इस मैच के दौरान डेनिस लिली की एक इनकटर पर अंपायर रेक्स वाइटहेड ने गावस्कर को एलबीडब्ल्यू करार देते हुए आउट कर दिया।

Dennis Lillee and Gavaskar controversy | 1981 India-Australia Test Series |
Dennis Lillee and Gavaskar controversy: भारत के महान क्रिकेटर सुनील गावस्कर और
पूर्व ऑस्ट्रेलियन गेंदबाज डेनिस लिली के बीच टकराव का पल। (फोटो- फेसबुक)

गावस्कर इससे संतुष्ट नहीं थे। उनका कहना था कि गेंद उनके बल्ले को छूकर पैड पर लगी थी। जब अंपायर ने उनको आउट करार दे दिया तो वह क्रीज से नहीं हटे और विरोध जताते हुए बैट को अपने पैड पर पटके।

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इसके बाद गावस्कर पैवेलियन लौटने लगे, तभी डेनिस लिली ने कोई कमेंट कर दिया। इससे उनका गुस्सा और बढ़ गया। वह कुछ दूर जाकर फिर लौट आए और दूसरे बल्लेबाज चेतन चौहान को भी क्रीज छोड़कर अपने साथ वापस ले गये। गावस्कर उस वक्त कप्तान थे, लिहाजा चेतन चौहान ने उनकी बातों की अवहेलना नहीं की।

दोनों लोग मैदान छोड़कर जब जा रहे थे तो बाउंड्री लाइन पर टीम मैनेजर शाहिद दुर्रानी और सहायक मैनेजर बापू नाडकर्णी ने उन्हें रोक दिया। इसके बाद चेतन चौहान वापस क्रीज पर लौट आए। गावस्कर पैवेलियन चले गये।

हालांकि यह घटना हुए 30 साल से ज्यादा हो गये, लेकिन सुनील गावस्कर को अब उस पर खेद हो रहा है। उन्होंने कहा कि उनका रवैया गलत था। भले ही वह गलत तरीके से आउट दिये गये थे, लेकिन उन्हें इस तरह मैदान छोड़कर बाहर नहीं जाना चाहिए था। वह कोई मोहल्ले या गली या बच्चों का खेल नहीं था। वहां अंतरराष्ट्रीय मैच चल रहा था, लिहाजा हमें थोड़ा संयम दिखाना चाहिए था।

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भारत के पूर्व कप्तान और महान क्रिकेटर रहे कपिल देव पुराने खिलाड़ियों और आज के खिलाड़ियों में कई अंतर पाते हैं। वे कहते हैं कि पुराने लोग अपने सीनियर से सलाह लेते थे, आज के खिलाड़ी ऐसा नहीं करते हैं। वे कहते हैं कि जब सुनील गावस्कर हैं तो आप उनसे बात क्यों नहीं कर सकते हैं। अहंकार कहां है। उन्हें लगता है कि हम काफी अच्छे हैं।

राहुल द्रविड़, सचिन तेंदुलकर, वीवीएस लक्ष्मण लेते थे गावस्कर से सलाह

सुनील गावस्कर कहते हैं कि वर्तमान भारतीय क्रिकेटर शायद ही कभी उनके पास आए हों, जबकि राहुल द्रविड़, सचिन तेंदुलकर, वीवीएस लक्ष्मण नियमित रूप से उनके पास आते थे, और वे एक विशिष्ट समस्या के साथ मेरे पास आते थे। और आप उन्हें कुछ बता सकते थे, जो आपने देखा था।

गावस्कर कहते हैं कि उनके पास इस बारे में कोई अहंकार नहीं है, वे उन खिलाड़ियों के पास जा सकते थे, कुछ बता सकते थे, लेकिन अब टीम में दो कोच हैं राहुल द्रविड़ और विक्रम राठौर, इसलिए वे पीछे हट जाते हैं। आप उन्हें बहुत जानकारी के साथ भ्रमित नहीं करना चाहेंगे।

वेंकट नटराजन खेल पत्रकार हैं। क्रिकेट में इनकी ना केवल रुचि है, बल्कि यह क्रिकेट के अच्छे खिलाड़ी भी रह चुके हैं। क्रिकेट से जुड़े क़िस्से लिखने के अलावा वेंकट क्रिकेट Match Live Update, Cricket News in Hindi कवर करने में भी माहिर हैं।