Debashish Mohanty Bowling And Saeed Anwar: जब देबू के बॉलिंग एक्शन से सईद अनवर की बिगड़ गई चाल, सहवाग से पूछा- यह करता क्या है
Debashish Mohanty Bowling And Saeed Anwar: कटक, ओडिशा के क्रिकेटर देबाशीष मोहंती दाएं हाथ के मध्यम तेज गेंदबाज रहे हैं, जो अपनी सटीकता और गेंद को दोनों तरफ स्विंग करने की क्षमता के लिए जाने जाते थे। उन्होंने 1997 में वेस्टइंडीज के खिलाफ एकदिवसीय मैच में भारतीय क्रिकेट टीम के लिए डेब्यू किया था। अपना पहला टेस्ट मैच भी इसी साल दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ खेला था। मोहंती ने अपने अंतरराष्ट्रीय करियर की सफल शुरुआत की और शुरुआती मैचों में उनके प्रदर्शन ने उन्हें भारत के लिए एक होनहार युवा तेज गेंदबाज के रूप में पहचान दिलाई।
उनका सबसे यादगार प्रदर्शन 1999 में भारत के न्यूजीलैंड दौरे के दौरान आया, जहां उन्होंने हैमिल्टन में तीसरे टेस्ट में भारत की जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने उस मैच में पांच विकेट लेकर मैच जिताऊ पारी खेली थी। उनके बारे में एक किस्सा विरेंदर सहवाग ने सुनाया।
उन्होंने बताया कि हम सहारा कप खेल रहे थे, उस समय श्रीनाथ इंज्योर्ड था, वेंकटेश इंज्योर्ड था, अनिल भी इंज्योर्ड था। भज्जी ने तब तक डेब्यू नहीं किया था। देवाशीष मोहंती पहली बार खेल रहा था, हरविंदर भी पहली बार खेल रहा था। हमको लगा कि इन दोनों में कौन ओपन करे तो मैंने देवाशीष से कहा कि तू ओपन कर, तेरा बाल स्विंग होता था।
Debashish Mohanty Bowling And Saeed Anwar: पहले चारों मैच में देबू ने सईद को आउट किया था
देबू ने पहले चारों मैचों में सईद अनवर को आउट किया। संयोग से चौथे मैच के बाद एक फंक्शन था। फंक्शन के दौरान सईद अनवर ने आकर मुझसे कहा कि सब कुछ ठीक है, लेकिन यह मोहंती करता क्या है, क्या बंदा है। मैंने पूछा क्यों क्या हुआ? ऐसे भागकर आता है और क्या बॉल डालता है। जिसे मैं खेलूं वह बाहर जाता है और जिसे मैं छोड़ूं वह अंदर आता है। मैं क्या करूं, वह पता नहीं चल रहा है। इसकी वजह से मेरी चाल बिगड़ गई है।
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भागकर आता है ऐसे और पूछता है कि मैं क्या डालने वाला हूं। तो मैं कहता था कि मुझे कुछ नहीं पता है। एक्शन में क्वेश्चन था। पांचवें मैच में मैं स्लिप में था और सईद अनवर सर्वाइव कर गया काफी देर तक। मैंने देखो कल बात कर रहा था आज सर्वाइव कर गया।
सईद अनवर जिस लेवल पर बैटिंग कर रहा था, मुझे लगता था कि मैच कहीं ले न जाए हमारे हाथे से। इसके बाद मैं स्लिप से हटकर अंपायर के आगे खड़ा हो गया और अगला बॉल मोहंती ने फेंका और सईद ने बैट चलाया तो बॉल सीधा मेरे हाथ में आ गया। मैंने कहा देखो जब कोई बॉलर पीछे लगता है तो बच नहीं सकता है।