सौरव गांगुली टीम इंडिया के सफल कप्तानों में से एक रहे। क्रिकेट कॅरिअर में वह स्लेजिंग के भी शिकार हुए। सौरव भले ही स्वभाव से अंतर्मुखी रहे हों, लेकिन ऐसी चीजों से निपटना उन्होंने बचपन में ही सीख लिया था। जब उनकी उम्र 10-11 साल की थी तभी उनके साथ एक घटना हुई थी। वह कोलकाता के ईडन गार्डन में खेल रहे थे। किसी ने उन पर संतरा फेंक दिया। ‘दादा’ ने उस संतरे से पहले फुटबॉल खेला और बाद में उसे खा भी लिया।
सौरव का यह किस्सा जगमोहन डालमिया ने एक टीवी कार्यक्रम में बताया था। डालमिया से सौरव का संबंध बचपन से ही था, क्योंकि वह उनके पिता के करीबी दोस्त थे। वह क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) के अध्यक्ष भी रहे।
डालमिया ने बताया कि संतरे वाली घटना के बाद जब उन्होंने सौरव से पूछा था कि वह फुटबॉलर बनना चाहते हैं या क्रिकेटर तो गांगुली का जवाब था- फुटबॉलर।
डालमिया ने सौरव से जुड़ी एक और बात याद करते हुए बताया कि बंगाल और हैदराबाद के बीच क्रिकेट का फाइनल मुकाबला देखने गांगुली हैदराबाद गए थे। उस मैच में अशोक मल्होत्रा ने दोहरा शतक बनाया था। गांगुली जब मैच देख कर लौटे तो जगमोहन डालमिया ने उनसे पूछा कि क्या तुम अशोक मल्होत्रा की तरह दोहरा शतक मार सकते हो? उन्होंने कहा- मौका मिला तो उससे भी ज्यादा रन बना दूंगा। सच में जब गांगुली को फाइनल खेलने का मौका मिला तो उन्होंने यह कर भी दिखाया।
सौरव क्रिकेट ही नहीं, पढ़ाई और खाने-पीने के मामले में भी ‘अच्छे’ थे। जब वह पत्नी डोना को पहली बार बाहर ले गए थे तो खाने में उन्होंने चीनी डिशेज ऑर्डर किए थे- चाउमिन, चॉप्सी, फ्रायड राइस वगैरह। डोना ने तो बहुत कम खाया, लेकिन सौरव ने सारा खत्म कर दिया था।
सौरव की पढ़ाई के बारे में उनके मैथ टीचर ने बताया था कि सौरव अक्सर क्लासेज मिस करते थे। इसके बावजूद उन्हें नेशनल स्कॉलरशिप मिली थी। गणित और विज्ञान में तो वह बहुत ही अच्छे थे।