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जब रोजर ब‍िन्‍नी को पेशावर में क्रीज पर मारने लगे थे कंकड़, सनी गावस्‍कर के फैसले से भी नहीं निकला था हल

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पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के रोजर बिन्नी (दाए), वेंगसरकर (बीच) और कपिल देव (बाएं)

पाक‍िस्‍तान के पेशावर में एक मैच के दौरान दर्शकों ने बड़ा खराब बर्ताव क‍िया था। इसके श‍िकार पहले तो रोजर ब‍िन्‍नी हुए थे। बाद में मदनलाल को भी होना पड़ा।

दरअसल, हुआ ऐसा क‍ि रोजर ब‍िन्‍नी क्रीज पर थे। उन्‍हें पीछे से बार-बार कोई कंकड़ मार रहा था। ब‍िन्‍नी ने पहले तो अनदेखा क‍िया। बाद में जब बर्दाश्‍त से बाहर हो गया तो कप्‍तान सुनील गावस्‍कर के पास श‍िकायत करने पहुंच गए। गावस्‍कर ने ब‍िन्‍नी से कहा क‍ि आप दूसरी ओर चले जाओ। उन्‍होंने मदनलाल को बैट‍िंंग के ल‍िए जाने के ल‍िए कहा, यह सोच कर क‍ि पंजाबी होने के चलते शायद मदनलाल के साथ लोग ऐसा न करें।

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पर सनी गावस्‍कर का यह फैसला कारगर साब‍ित नहीं हुआ। उनके ऊपर भी कंकड़ फेंकना जारी रहा। जब मदनलाल ने पूछा- मेरे ऊपर क्‍यों कंकड़ फेंक रहे हो, तो जवाब म‍िला- उस गोरे को भेज।

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ब‍िन्‍नी ने टेस्‍ट कॅर‍िअर की शुरुआत 1979 में पाक‍िस्‍तान के ख‍िलाफ मैच खेल कर ही की थी। बेंगलुरु के च‍िन्‍नास्‍वामी स्‍टेड‍ियम में ब‍िन्‍नी ने 46 रन बना कर खुद के शानदार ऑलराउंडर होने का सबूत द‍िया था।

19 जुलाई, 1955 को जन्‍मे रोजर ब‍िन्‍नी शानदार बोल‍िंग के ल‍िए जाने जाते हैं। 1983 के वर्ल्‍ड कप में वह सबसे ज्‍यादा व‍िकेट (18) लेने वाले गेंदबाज थे। 1985 के वर्ल्‍ड सीर‍िज क्र‍िकेट चैंप‍ियनश‍िप में ऑस्‍ट्रेल‍िया में भी उन्‍होंने सबसे ज्‍यादा (17) व‍िकेट ल‍िए थे।

ब‍िन्‍नी ने ख‍िलाड़ी, कोच, सेलेक्‍टर के साथ-साथ प्रशासक की भी भूम‍िका न‍िभाई। 2022 में सौरव गांगुली के बाद ब‍िन्‍नी न‍िर्व‍िरोध बीसीसीआई के अध्‍यक्ष भी चुने गए थे।

उनके साथ काम कर चुके और उनके दोस्‍त संजय देसाई ने कहा था क‍ि ब‍िन्‍नी को सुर्ख‍ियों में आना पसंद नहीं है। वह चुपचाप अपना काम करने वाले व्‍यक्‍त‍ि हैं। 1977-78 में ब‍िन्‍नी ने संजय देसाई के साथ 451 रने की ओपन‍िंग पार्टनरश‍िप की थी। यह फर्स्‍ट क्‍लास क्र‍िकेट में लंबे समय तक र‍िकॉर्ड रहा था।

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