Mahendra Singh Dhoni | Mohammad Kaif | Team India
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जब ब‍िरयानी के ल‍िए मोहम्‍मद कैफ से नाराज हो गए थे महेंद्र स‍िंह धौनी

मुहम्मद कैफ। क्र‍िकेट ज‍िनकी रगों में था। तभी 12 साल की उम्र में ही उन्‍होंने तय कर ल‍िया था क‍ि कॅर‍िअर क्र‍िकेट में ही बनाना है। उन्‍होंने इसके ल‍िए अपनी राह पकड़ ली और प्रैक्‍ट‍िस के ल‍िए कानपुर चले गए।

कैफ के खेल से जुड़ी बातें जानने से पहले एक छोटा सा क‍िस्‍सा जान लेते हैं। एक बार महेंद्र सिंह धौनी कैफ के घर गए थे। वहां ब‍िरयानी से मेहमानों का स्‍वागत हुआ। लेक‍िन, धौनी कैफ से नाराज हो गए क्‍योंक‍ि उनकी श‍िकायत थी क‍ि ब‍िरयानी से उनकी खात‍िरदारी अच्‍छी तरह नहीं की गई। कैफ ने एक टीवी शो में इस वाकये का ज‍िक्र करते हुए बताया क‍ि उनके घर कई सारे ख‍िलाड़ी आए हुए थे और इस वजह से वह काफी प्रेशर में थे। इसल‍िए थोड़ी चूक हो गई थी।

सचिन तेंदुलकर को ‘भाई साहब’ नाम कैफ की वजह से ही म‍िला। सच‍िन को कैफ ‘भाई साहब’ कह कर बुलाते थे। धीरे-धीरे पूरी टीम उन्हें इसी नाम से बुलाने लगी।

कैफ का जन्म 1 दिसंबर 1980 को इलाहाबाद (उत्तर प्रदेश) में एक मध्यम वर्गीय परिवार में हुआ था। उनके पिताजी तारीफ अंसारी रेलवे क्रिकेट टीम और उत्तर प्रदेश टीम के लिए खेला करते थे। उनके भाई सैफ मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के लिए खेलते थे। घर का माहौल ही क्रिकेट का था। इस वजह से उनका रुझान भी इस तरफ ही हुआ और कम उम्र में ही उन्‍होंने क्र‍िकेटर बनने का फैसला ले ल‍िया।

कैफ ने अंडर 19 में अपने उम्‍दा खेल की बदौलत राष्ट्रीय टीम में अपनी जगह बनायी। उन्‍होंने 000 में अंडर 19 वर्ल्ड कप में कप्‍तानी भी की और टीम को जीत द‍िलाई। हालांकि उनका क्रिकेट कॅर‍िअर उतार-चढ़ाव से भरा रहा।

इंटरनेशनल क्रिकेट में उनका कॅर‍िअर बहुत अच्छा नहीं कहा जा सकता है। हालाँकि उनकी साधारण बल्लेबाजी को काफी पसंद भी किया गया है। 2002 नेटवेस्ट सीरीज फाइनल में उनका प्रदर्शन बहुत बेहतर रहा। इसमें उन्हें मैन ऑफ द मैच का पहला ख़िताब हासिल हुआ। 2003 वर्ल्ड कप में जोहान्सबर्ग के खिलाफ मैच में अपनी फील्डिंग से सबसे ज्यादा कैच लेने का ख़िताब भी उनको मिला।

कैफ की बेहतरीन फील्डिंग के लिए कई बार उन्हें सराहा गया। लेक‍िन, टीम में धुरंधर बल्लेबाजों की मौजूदगी की वजह से कैफ को हमेशा सात नंबर पर खेलना पड़ा। रन तो वह अच्छा बना लेते थे पर टाइम कम मिल पता था। उनका अच्छा प्रदर्शन हमेशा नंबर 3 पर रहता था पर दिग्गज खिलाडियों के बीच तीन नंबर पर खेलने का मौका कम ही मिल पाता था।

2008 में जब आईपीएल शुरू हुआ तो उस बार वह विनर टीम राजस्थान रॉयल्स में थे। वह टीम के लिए सभी मैचों में खेले, पर उनका प्रदर्शन बहुत अच्छा नहीं रहा। आगे चल कर भी आईपीएल में उनका कॅर‍िअर ठीक से नहीं जम पाया।

वेंकट नटराजन खेल पत्रकार हैं। क्रिकेट में इनकी ना केवल रुचि है, बल्कि यह क्रिकेट के अच्छे खिलाड़ी भी रह चुके हैं। क्रिकेट से जुड़े क़िस्से लिखने के अलावा वेंकट क्रिकेट Match Live Update, Cricket News in Hindi कवर करने में भी माहिर हैं।