क्रिकेट खेलने वाले खिलाड़ियों को लाखों-करोड़ों रुपये मिलते हैं। उनका जीवन बड़ा ही ग्लैमराइज रहता है, लेकिन इन सबके पीछे बड़ी मेहनत, त्याग और जूझने का जज्बा होता है। बिना इसके कुछ नहीं मिलता है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मैदान में खेलने के लिए हर खिलाड़ी को कड़ी मेहनत के बाद ही वहां तक पहुंचने का अवसर मिलता है।
रणवीर शो पॉडकॉस्ट में होस्ट रणवीर से बात करते हुए सुरेश रैना ने अपना एक किस्सा सुनाया। उन्होंने कहा कि जब वह गुरू गोविन्द सिंह स्पोर्टस कालेज, लखनऊ में बोर्डिंग में रहकर क्रिकेट की ट्रेनिंग ले रहे थे, तब वहां उनकी काफी रैगिंग हुई थी। इससे वे इतना परेशान हो गये थे कि उनके दिमाग में हर समय गुस्सा भरा रहता था। कई बार वह अपना गुस्सा बर्दाश्त नहीं कर पाते थे, लेकिन उनके दिमाग में कई बातें बिल्कुल साफ थी। वह यह कि अपना गुस्सा किसी पर निकालने का कोई फायदा नहीं होगा। इसके बजाय अपना गुस्सा खेल पर निकालें और अपने को और निखारें।
सुरेश रैना ने कहा कि वह हर चीज को बहुत ही सहजता से लेते हैं और खुद को हमेशा पहले से बेहतर करने पर जोर देते हैं। वह यह अच्छी तरह जानते हैं कि सफलता का शार्टकट नहीं होता है। अगर कोई सीधे आईपीएल में पहुंच गया तो एक-दो मैच के बाद बाहर हो जाएगा। आईपीएल वाले उसे तभी लेंगे, जब उसमें कुछ होगा।
उन्होंने कभी भी यह नहीं समझा कि कोई चीज बिना मेहनत के मिल जाएगी, लेकिन वह यह भी मानते हैं कि बिना किस्मत के भी कोई चीज नहीं मिलती है। हर कोई सचिन तेंदुलकर और विराट कोहली बनना चाहता है, लेकिन वह बन नहीं पाता है। इसका मतलब यह नहीं है कि वह मेहनत नहीं करता है, सब मेहनत करते हैं, लेकिन सब की वह किस्मत नहीं होती है।