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जब म‍िथुन चक्रवर्ती के काम आए सौरव, बंद कमरे में गांगुली नहींं रह पाते थे ‘दादा’

Sourav Ganguly | Team India | BCCI

टीम इंडिया के पूर्व कप्तान, बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष सौरव गांगुली। (फोटो- फेसबुक)

टीम इंड‍िया के पूर्व कप्‍तान और भारत के क्र‍िकेट‍िंग हीरो रहे सौरव गांगुली बहुत कम उम्र में ही क्र‍िकेट के प्‍यार में पड़ गए थे। बचपन में उन्‍हें बांग्‍ला स‍िखाने के ल‍िए एक टीचर घर पर आते थे। गांगुली उन्‍हें चाय देकर क्र‍िकेट खेलने चले जाते थे। टीचर सौरव का इंतजार करते रहते और थक कर सोफे पर ही सो जाया करते थे। सौरव गांगुली कोल्‍ड ड्र‍िंक बहुत पीया करते थे।खास कर अगर वो प्रैक्‍ट‍िस कर रहे हों या फ‍िर बल्‍लेबाजी या फील्‍ड‍िंग कर रहे हों तो मौका म‍िलते ही कोल्‍ड ड्र‍िंक गटक जाते थे।

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उनके एक शुभच‍िंतक थे संबारन बनर्जी। वह गांगुली को इसके ल‍िए मना करते थे और मजाक में कहा करते थे- महाराज, अब बस कीज‍िए। आपके पेट में कोल्‍ड ड्र‍िंक का पेड़ उग आएगा। यह शुरुआती द‍िनों की बात है, ले‍क‍िन टीम इंड‍िया में खेलते हुए जब सौरव फ‍िटनेस को लेकर बेहद सतर्क हुए तो कोल्‍ड ड्र‍िंक एकदम कम कर द‍िया। एक समय तो ऐसा आया जब सौरव आधा या एक से ज्‍यादा कोल्‍ड ड्र‍िंंक नहीं पीते थे।

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सौरव गांगुली बहुत बड़े क्र‍िकेटर रहे। टीम के कप्‍तान बने और बीसीसीआई अध्‍यक्ष के तौर पर पूरे भारत के क्र‍िकेट जगत को भी संभाला। वह भले ही महान क्र‍िकेटर बने, लेक‍िन उन्‍होंने फुटबॉल का मैच भी कराया। फ‍िल्‍म एक्‍टर म‍िथुन चक्रवर्ती, जो फुटबॉल के जबरदस्‍त फैन हैं, ने एक बार सौरव से अनुराध क‍िया क‍ि वह क्र‍िकेटर्स और फ‍िल्‍म स्‍टार्स के बीच एक फुटबॉल मेच कराना चाहते हैं। ‘दादा’ ने म‍िथुन दा को न केवल हां कहा, बल्‍क‍ि हमेशा साथ खड़े रहे और उम्‍मीद से ज्‍यादा सहयोग क‍िया। म‍िथुन ने इस मैच से जमा हुए सारे पैसे जरूरतमंद गरीब बच्‍चों पर खर्च क‍िए।

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सौरव गांगुली को पाश्‍ता बहुत पसंद था। जब वह अंडर 19 मैच खेलने इंग्‍लैंड गए थे तो टूर्नामेंट के बाद मुखर्जी पर‍िवार के यहां करीब एक महीना रुके थे। गीता और अन‍िमेश मुखर्जी के यहां। यह पर‍िवार सौरव के प‍िता का करीबी है। सौरव का जब भी पाश्‍ता खाने का मन होता, वह गीता मुखर्जी को कहते- पाश्‍ता बनाइए, मैं आ रहा हूं।

क्र‍िकेट के मैदान पर सौरव ज‍ितना ह‍िम्‍मत और साहस द‍िखाते थे, बंद कमरे में वह उतना साहस नहीं द‍िखा पाते थे। उनकी ज‍िंंदगी में ऐसे कई वाकयात हुए, ज‍िनसे यह बात साब‍ित भी होती है। एक बार वह क‍िसी पर‍िच‍ित के घर सोए थे। छत के ऊपर से व‍िमान गुजरा तो उस आवाज से वह घबरा गए और भूत-भूत कहते हुए डर गए। यही नहीं, उनके डरने की आदत ज‍िन दोस्‍तों और करीब‍ियों को पता थी वह अक्‍सर इसका मजा भी उठाया करते थे।

एक बार वह क्र‍िकेट खेलने गए थे तो उनके होटल के कमरे में एक पर‍िच‍ित चाकू लेकर घुस गया था। एक बार क‍िसी ने ऐसी शरारत की क‍ि जब सौरव कमरे से बाहर थे तो कमरे में घुस कर अलमारी में छ‍िप गए। जब सौरव आए और ब‍िस्‍तर पर लेटे तो अचानक वे अलमारी से बाहर न‍िकल गए। सौरव बुरी तरह डर गए।

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