पाकिस्तानी क्रिकेटर शोएब अख्तर (Cricketer Shoaib Akhtar) खुद को काफी दिलेर, जुझारू और दीनी इंसान बताते हैं, जिनका अल्लाह से बेपनाह प्यार है। वे कहते हैं कि पांच बार के नमाजी हैं, अपने वालिद और वालदैन की बहुत इज्जत करते हैं। हाफिज अहमद पॉडकास्ट (Hafiz Ahmed Podcast) पर बात करते हुए उन्होंने खुद के बारे में कई नई चीजें बताईं।
शोएब ने कहा कि उनकी मां हज से आई थीं। एक लड़की ने उनकी काफी खिदमत की। बहुत ज्यादा देखभाल की। शोएब से उनकी मां बोलीं कि तेरी बेगम घर पर है। शोएब दुबई में थे। वे आए और मां ने जो कहा चुपचाप उसको मान लिये। शोएब कहते हैं कि वे कभी मां को ना नहीं बोलते थे। इसलिए उससे निकाह करने के लिए तुरंत राजी हो गये।
शोएब ने एक टीशर्ट निकाली और एक जींस पहनकर चल दिये। उनके वालिद ने उनसे कहा कि हम कुल दस-बारह लोग हैं। लड़की की तरफ के भी कुल दस-पंद्रह लोग ही हैं। शूट पहन लो, जींस अच्छा नहीं लग रहा है। शोएब ने शूट पहन ली और चल दिये।
बहुत सादे तरीके से निकाह हो गया। कोई दिखावा नहीं, कोई शोर-शराबा नहीं, कोई बैंड-बाजा नहीं। शोएब ने कहा कि उन्हें इसमें कोई यकीन नहीं है। वे इन सब चीजों में पैसे खर्च करने के बजाए लोगों की मदद करने, उनको खिलाने-पिलाने में पैसे ज्यादा लगाना चाहेंगे।
शोएब के दो बेटे हैं। शोएब ने बताया कि उन्होंने अपनी बेगम से कई बार कहा कि सबसे मिलो-जुलो, बाहर चलो, मीडिया के सामने आओ, लेकिन बेगम और बच्चे बहुत रिजर्व रहते हैं। उन्हें हाईलाइट होना पसंद नहीं है। इसके चलते वे सामने नहीं आते हैं। शोएब ने बताया कि इस्लाम में चार निकाह करना या चार बेगम रखना भले ही जायज हो लेकिन उनके लिए एक ही बहुत है। हालांकि उनके कई लड़कियों से इश्क चलते रहे हैं, लेकिन शोएब का कहना है कि वे साफ दिल के हैं और उनकी बीवी के अलावा किसी से कोई रिश्ते नहीं हैं। वह जो कुछ करते हैं, खुलेआम करते हैं।
उन्होंने कहा कि बचपन में मां-बाप और भाइयों ने उन्हें पीटा बहुत है क्योंकि वे शरारती थे और शरारत करने से बाज नहीं आते थे।