भारतीय क्रिकेट टीम के ऑल राउंडर खिलाड़ी रहे रवि शास्त्री खाने के बहुत शौकीन हैं। उनको खेलने से ज्यादा खाने में रुचि है। वह जहां जाते हैं सबसे पहला काम यह देखते हैं कि वहां का स्थानीय प्रचलित भोजन क्या है। वह उनको कितना शूट करेगा और कितना नहीं करेगा, उसे वे किस तरह अपने दिन के भोजन में शामिल कर सकते हैं, इन सब सवालों का वह सबसे पहले पता लगाते हैं। रवि शास्त्री टीम इंडिया में गेंदबाज, बल्लेबाज, कोच, कमेंटेटर समेत कई भूमिकाओं की जिम्मेदारी निभाते हुए खुद को हमेशा सक्रिय रखते हैं। यूट्यूब चैनल कर्ली टेल्स की हॉस्ट कामिया जॉनी से बात करते हुए रवि शास्त्री ने अपने क्रिकेट जीवन के कई किस्से शेयर किये।
रवि ने अपनी आदतों के बारे में बताते हुए कहा कि वे जब देश से बाहर टीम के साथ जाते थे तो वे वहां के बारे में फौरन सर्च करना शुरू कर देते थे। वे हर तरह के खानों को खाकर उसका टेस्ट लेते थे और यह देखते थे कि उनके ऊपर इसका क्या फर्क पड़ता है। इसके साथ ही वे इस बात का ध्यान रखते थे कि खाने से उनके स्वास्थ्य पर कोई असर न पड़े।
रवि ने बताया कि जब वे खेला करते थे, तब खाने को लेकर सचेत रहते थे, लेकिन कोच बनने के बाद वे थोड़ा केयरफ्री हो गये थे। तब उनके हाथ में बैट-बाल नहीं था, वे खाने में इच्छा के मुताबिक हर चीज खा लिया करते थे। वे बताए कि एक बार मेलबर्न में मैच के दौरान वे चाइना टाउन नाम के फूड मार्केट में गये, जहां चाइनीज डिशेज की कई दुकानें थीं। उन्हें वहां पहुंचने से पहले ही पता थी कि कौन-कौन सी वेरायटी यहां होगी। क्योंकि वे खाने के जानकार थे।
रवि ने बताया कि अगर आप फूड, कल्चर आदि के जानकार नहीं हैं तो आप एन्जॉय नहीं कर पायेंगे। आपको यह सब जानना ही चाहिये। उन्होंने कहा कि पहले के क्रिकेटरों की तुलना में आज के क्रिकेटर ज्यादा फूड कांशस हैं। वे इस बात का ध्यान रखते हैं कि खाने में एक्स्ट्रा कैलरी न हो जाए। फूड स्ट्रेस न हो। पहले इन बातों पर खिलाड़ी इतना फोकस नहीं करते थे। हालांकि खाने में इतनी वेरॉयटी भी नहीं थी।
रवि ने बताया कि वे बहुत ज्यादा स्विम करते हैं, वॉक करते हैं और गॉल्फ खेलते हैं। वे प्रतिदिन 10 से 15 हजार स्टेप्स चलते हैं। इससे वे खुद को फिट रखते हैं और अपना काम करते हैं।