मोहिंदर अमरनाथ भारतीय क्रिकेट की वह हस्ती हैं, जो संघर्षों के आगे चट्टान की तरह जूझने में भरोसा रखते हैं। एक टीवी चैनल के कार्यक्रम में उन्होंने अपने जीवन के तमाम पहलुओं को खोला। इस दौरान उनकी मां, बहन और भाई भी मौजूद रहे।
मोहिंदर अमरनाथ ने कहा कि जिंदगी में कई बार ऐसे दौर आए जब हम निराश हो रहे थे, रास्ते बंद हो रहे थे, तब पत्नी इंद्रजीत ने आगे बढ़कर रास्ता दिखाया। पत्नी ने हमेशा कहा कि हार नहीं मानना, वह दिन भी गुजर जाएंगे। वह इंग्लैंड में अपनी ड्यूटी भी कर रही थी, बेटी सिमरन को भी संभाल रही थी और उनकी भी मदद कर रही थी। वह अपनी पत्नी को प्यार में बिक्स कहते हैं।
मोहिंदर की छोटी बहन डॉली ने भी एक किस्सा सुनाया। कहा कि मोहिंदर उनको बहुत मानते थे। एक बार जब वे होली खेल रहे थे तो होली की मस्ती में उन्होंने उनकी सबसे प्रिय चीज बैट पर ही रंग डाल दिया। हालांकि जिमी ने कभी उनको डांटा नहीं था। प्यार से समझा दिया था। इसके बाद वे लोग खूब मस्ती किये।
कार्यक्रम में उनकी मां कैलाशा अमरनाथ ने भी एक किस्सा सुनाया। उन्होंने कहा कि उनके बच्चों पर उनके पिता लाला अमरनाथ का बड़ा प्रभाव है। लाला अमरनाथ बहुत सख्त थे, और गलतियां सहन नहीं करते थे। उनके आगे किसी की बोलने की हिम्मत नहीं पड़ती थी, यहां तक कि हमारे कुत्ते भी नहीं भौंकते थे।
उनके छोटे भाई राजिंदर अमरनाथ ने भी घर की पुरानी यादें ताजी कीं। उन्होंने बताया कि उनके दोनों बड़े भाई स्कूल जाने के बहाने फिल्म देखने चले जाते थे, उन्हें नहीं ले जाते थे। उन्होंने इसकी शिकायत पिता लाला अमरनाथ से कर दी। लाला जी को फिल्मों से सख्त नफरत थी। वे उसे देखने के लिए कभी अनुमति नहीं देते थे। एक दिन वे कहीं से लौटे और किसी बात पर नाराज थे, तभी राजिंदर ने उनसे पूरी बात बता दी।
इसके बाद लाला अमरनाथ ने उनको पीटने के लिए दौड़े, हालांकि नानी ने उन्हें बचा लिया। लेकिन अगले ही दिन उन्होंने तय कर लिया कि अब दिल्ली में नहीं रहेंगे। पिता ने दोनों भाइयों को तुरंत वहां से ले जाकर जालंधर स्कूल में डाल दिया। वहीं उनका क्रिकेट कैरियर बना।