क्रिकेटर मोहम्मद सिराज का पढ़ाई में बिल्कुल मन नहीं लगता था। वह अक्सर क्लास छोड़ कर भाग जाते थे। उनके पिता लंच में जब टिफिन लेकर स्कूल आते थे तो पता चलता कि बेटा स्कूल में है ही नहीं। कई बार ऐसा हुआ और सिराज को डांट पड़ी तो उन्होंने इसका भी रास्ता निकाला। वह पिता से कोई बहाना बना कर उन्हें टिफिन नहीं लाने के लिए राजी कर लेते थे। इसके बाद वह आसानी से क्लास बंक कर लेते थे।
लड़कपन में सिराज काफी शरारती थे। उन्हें लग्जरी लाइफ का शौक भी शुरू से ही था। वह बचपन में ही सोचते थे कि उनके पास कार कब होगी। उनके भाई जब इंजीनियर बने और उन्होंने गाड़ी ली तो सिराज दूसरे की चाबी से गाड़ी स्टार्ट कर निकल जाते थे। जब पहली बार वह आईपीएल में लिए गए और उनके पास भारी रकम आई तो उन्होंने सबसे पहले कार ही खरीदी थी।सिराज काफी गरीब घर से हैं।
उनके पिता ऑटो चलाते थे। पैसों की बड़ी किल्लत थी। हालत यह थी कि उनके पास मोबाइल फोन तक नहीं था। जब वह कहीं जाते थे तो सफर में गाना सुनना बहुत पसंद था। लेकिन, मोबाइल खरीदने के पैसे नहीं थे। एक बार जब वह मैच खेलने आंध्र प्रदेश जा रहे थे तो उनके दोस्त ने गाना सुनने के लिए उन्हें अपना मोबाइल दिया था।
सिराज के क्रिकेट खेलने को लेकर पिता का तो सपोर्ट था, लेकिन मां सख्त खिलाफ थीं। वह टेनिस बॉल क्रिकेट खेलते थे। कहीं मैच खेलने जाना होता था तो मां मारने तक पर उतारू हो जाती थीं। जब माता-पिता सो जाते थे, तब सिराज चुपके से निकल जाते थे खेलने के लिए।
राजकोट में जब सिराज को पहला टी 20 मैच खेलने का मौका मिला तो वह काफी भावुक हो गए थे। राष्ट्रगान के वक्त उनके दिमाग में पीछे की पूरी फिल्म चलने लगी थी और आंखों से आंसू निकल गए थे। यह मैच 4 नवंबर, 2017 को भारत और न्यूजीलैंड के बीच हुआ था। उस साल उन्हें 2.6 करोड़ रुपए में आईपीएल का कॉन्ट्रैक्ट मिला था। इसके बाद से ही उनकी गरीबी खत्म हो गई थी।