Manish Pandey | Indian Cricketer | Manish Pandey Struggel |
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जब आर्मी के एक जवान को भुगतनी पड़ी थी मनीष पांडे की गलती की सजा, एक महीना नहीं की थी बात

मनीष पांडे आज क्र‍िकेटर हैं तो प‍िता की बदौलत। जब मनीष बच्‍चे थे तभी प‍िता ने उन्‍हें प्‍लास्‍ट‍िक का बैट-बॉल पकड़ा द‍िया था। उनके प‍िता आर्मी में थे। वह शुरू से बेटे को क्र‍िकेटर बनाना चाहते थे। उनका सपना था बेटा क्र‍िकेट खेले। मनीष ने तो कभी इस बारे में सोचा भी नहीं था। हालांक‍ि, वह पढ़ाई में बहुत अच्‍छा नहीं थे। कई बार होमवर्क नहीं करने पर उन्‍हें डांट भी पड़ती थी।

आर्मी अफसर का बेटा होने के नाते मनीष के मन में भी शुरू से सेना के प्रत‍ि आकर्षण था और फौजी बनने की इच्‍छा थी। लेक‍िन, जब राज्‍य स्‍तर पर क्र‍िकेट खेलने का मौका म‍िला तो उनका मन बदल गया। उस समय उनकी उम्र 14-15 साल रही होगी। तब उनका सपना बदल गया। वह अंतरराष्‍ट्रीय क्र‍िकेट खेल कर नाम कमाने का सपना देखने लगे।

उनके प‍िता ने उनके ल‍िए एक रूटीन तय कर रखा था। उसका पालन उन्‍हें हर हाल में करना होता था। 5 बजे सुबह से रात तक का टाइम टेबल तय कर रखा था। क्र‍िकेट की प्रैक्‍ट‍िस के दौरान खुद उनक प‍िता बोल‍िंग करते थे। साथ में जवानों की भी मदद लेते थे।

उन पर नजर रखने के ल‍िए प‍िता ने अपने स्‍टाफ को भी लगा रखा था। हालांक‍ि, कई बार मनीष प‍िता की इच्‍छा या उनके बनाए न‍ियमों के ख‍िलाफ कुछ कर भी लेते थे तो वह उन स्‍टाफ को क‍िसी न क‍िसी तरह प‍िता तक बात नहीं पहुंचाने के ल‍िए मना लेते थे।

एक बार की बात है। उनके पापा ज‍िस रेज‍िमेंट में तैनात थे, वहां कई सारे टैंक रखे थे। मनीष ने पहली बार वे टैंक देखे थे। इससे पहले फ‍िल्‍मों में ही देखे थे। मनीष ने क‍िसी तरह जुगाड़ ब‍िठाया और जवान से बात कर टैंक के अंदर घुस गए। अंदर खेलने लगे। टैंक पर उछल-कूद करने लगे। खूब मस्‍ती की। और, यह स‍िलस‍िला दो द‍िन चला। दो द‍िन बाद पापा को पता चल गया। तो उस जवान को सजा म‍िली, ज‍िनसे बात कर मनीष टैंक में घुसे थे। उस जवान ने एक महीना मनीष से बात नहीं की थी।

वेंकट नटराजन खेल पत्रकार हैं। क्रिकेट में इनकी ना केवल रुचि है, बल्कि यह क्रिकेट के अच्छे खिलाड़ी भी रह चुके हैं। क्रिकेट से जुड़े क़िस्से लिखने के अलावा वेंकट क्रिकेट Match Live Update, Cricket News in Hindi कवर करने में भी माहिर हैं।