भारतीय महिला क्रिकेट टीम की खिलाड़ी जेमिमा रोड्रिग्स (Jemimah Rodrigues) ने एक इंटरव्यू के दौरान अपने बचपने की कई बातें बताईं। उन्होंने बताया कि जब वह छोटी थीं, तभी से क्रिकेट खेल रही हैं। उनका बचपन गुड़िया-गुड्डों के बीच नहीं, बैट-बॉल के साथ बीतता था। वह तीन साल की उम्र से बैट से खेलना शुरू कर दी थीं। जेमिमा रोड्रिग्स ने बताया कि जब वह करीब तीन-चार साल की थी तब उनके दादा जी ने उन्हें एक प्लास्टिक का बैट दिलाए थे। वह तब से क्रिकेट में दिलचस्पी रख रही है। हालांकि वह कभी आम लड़कियों की तरह गुड़िया-गुड्डा जैसा खेल नहीं खेलीं।
वह खुद कभी लड़कियों जैसी नहीं रहीं। वह अक्सर घर में रहने के बजाए बाहर लड़कों के साथ खेलती थीं। छोटी गली में खेलती थीं। उन्हें अक्सर आसपास की लड़कियां देखती थीं। जब वह खेलने जाती थीं तो सड़क पार करनी पड़ती थी, ऐसे में कुछ देर के लिए वहां रुकना पड़ता था। इस दौरान वह बहुत परेशान रहती थीं।
जेमिमा कहती हैं कि कई बार वह लड़कियां वहां खड़ी हो जाती थीं। वे उनको जाने नहीं देती थीं। वे खड़ी रहती थीं। वह दस सेकेंड तक सोचती थी कि यह लड़की है या लड़का, क्योंकि उस समय जेमिमा के बाल ब्वॉय कट जैसे होते थे। जेमिमा लड़कों की तरह बाल रखना चाहती थी। वह बाल काटने वाले से कहती थी- अंकल मेरे बाल लड़कों की तरह कर दो। तुम्हारे बाप का क्या जाता है। कर दो न प्लीज।
जेमिमा ने बताया कि जब वह अंडर-19 खेल रही थीं, तब वह केवल साढ़े बारह साल की थी। उनके साथ की खिलाड़ियों का कद उससे काफी ऊंचा होता था। जब वह 14 साल की थी, तब वह सीनियर क्रिकेट खेलीं। घरेलू मैचों में वह कई सीनियर खिलाड़ियों के साथ खेली थीं, वहां कोई एज लिमिट नहीं थी। तब वह सचमुच उनके साथ शुरुआत करती थी, जो उनसे उम्र में दोगुनी हो। अभी तक ऐसा केवल सचिन के साथ हुआ है, जब वह पाकिस्तान के साथ अपना पहला मैच खेल रहे थे, तब सिद्धू, श्रीकांत जैसे लोग उनके साथ खेल रहे थे, जो दोगुनी उम्र के थे।