क्रिकेटर इशांत शर्मा (Ishant Sharma) ने 12वीं के बाद पढ़ाई नहीं की। उनकी हाइट और दुबले-पतले शरीर की वजह से उस टाइम उनको लोग लम्बू बुलाते थे। इशांत शर्मा के पैर बड़े होने की वजह से उनकी साइज के जूते नहीं मिलते थे। उन्होंने अपना डेब्यू मैच भी दूसरे का जूता पहन कर खेला था। उनका लोअर भी मिलने में परेशानी होती थी। वह बाल भी लंबे रखते थे। स्कूल में लंंबे बालों के कारण उन्हें असेंबली में खड़ा कर दिया जाता था।
अंडर 19 में उनके कोच लालचंद काफी सख्त इंसान थे। वह जब उनके साथ न्यूजीलैंड टूर पर गए थे तो इशांत को बाल कटाने के लिए कहा गया। जब वह बाल कटाने गए तो सैलून बंद मिला। वह बिना बाल कटाए लौट आए। इस पर कोच ने फाइन लगा दिया। उसके बाद से तो इशांत को फाइन देना ही आसान लगने लगा।
इशांत अपने माता-पिता से जितना नहीं डरते थे, उतना अपने कोच से डरते थे। उनके कोच इशांत को दोपहर के एक बजे से अंधेरा होने तक बॉलिंग कराते थे। 2008 में इशांत को मैन ऑफ़ द मैच और मैन ऑफ़ द सीरीज का फर्क भी समझ नहीं आता था। क्रिकेटर गैरी ने इन्हें समझाया कि बहुत बड़ी बात है।
इशांत के घर नॉनवेज नहीं बनता। अंडा भी नहीं। जब वह पहली बार अंडर 19 में खेलने गए तो अंडा खाया था। घर वापस आकर जब मां को यह बात बताई तो हाय तौबा मच गई थी।
इशांत शर्मा की पत्नी इंडियन नेशनल बास्केट बॉल प्लेयर हैं। उनकी पत्नी प्रतिमा की चार बहनें हैं। सभी बास्केट बॉल खेलती हैं। उन्हें क्रिकेट बिलकुल भी पसंद नहीं है। प्रतिमा बताती हैं कि इशांत बहुत सोते हैं। उनकी इस आदत से वह इरिटेट हो जाती हैं।
इशांत शर्मा को अठारह साल की उम्र में ही 2007 में दक्षिण अफ्रीका दौरे के लिए भारतीय टीम में शामिल किया गया था। हालांकि उन्हें भेजा नहीं गया था। उसी साल उन्हें टेस्ट टीम में भी जगह मिली थी। शर्मा का जन्म 2 सितंबर, 1998 को दिल्ली में हुआ है। उन्होंने अपना पहला टेस्ट मैच 2007 में बांगलादेश के खिलाफ और पहला वनडे उसी साल दक्षिण अफ्रीका के लिए खेला।