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जब दुकान से कॉम‍िक्‍स चुरा कर दोस्‍तों में बांटा करते थे हरभजन स‍िंंह

Harbhajan Singh | tricks |

टीम इंडिया के सीनियर बॉलर हरभजन सिंह। (फोटो- फेसबुक)

क्र‍िकेटर हरभजन स‍िंंह से पहले उनके खानदान में क‍िसी का खेल से बहुत नाता नहींं था। उनके प‍िता जरूर ख‍िलाड़ी बनना चाहते थे, पर बन नहीं पाए। इस वजह से हरभजन ने क्र‍िकेटर बनने का सोचा। पर, जब प‍िता की मौत हो गई तो उनके द‍िमाग में क्र‍िकेट छोड़ने तक की बात आ गई थी। फ‍िर, तय क‍िया क‍ि पिता का सपना पूरा करने के ल‍िए ही क्र‍िकेटर बनना है।

उन्‍हें क्र‍िकेटर बनने के ल‍िए प्रेर‍ित करने में कप‍िलदेव का भी योगदान रहा। उस समय कप‍िलदेव की धूम थी। हर कोई कप‍िलदेव जैसा बनना चाहता था। सो, हरभजन ने भी उनसे प्रेर‍ित होकर क्र‍िकेटर बनने का फैसला क‍िया।

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हरभजन शुरू में क्र‍िकेट की प्रैक्‍ट‍िस करते थे तो छोटी बहन से ही बोल‍िंंग करवाते थे। वह जूडो की भी प्रैक्‍ट‍िस करते थे। इसकी प्रैक्‍ट‍िस वह बड़ी बहन पर करते थे।

हरभजन स‍िंह बचपन में शरारती भी थे और मासूम भी। वह अक्‍सर एक दुकान से चोरी-चुपके कॉम‍िक्‍स उठा कर ले आया करते थे और दोस्‍तों में बांट द‍िया करते थे। एक द‍िन दुकानदार ने एक दूसरे लड़के को कॉम‍िक्‍स चुराते हुए पकड़ ल‍िया। हरभजन उस समय वहीं पर थे।

उसे पकड़ा गया देख हरभजन भी दुकानदार के पास गए और कान पकड़ कर सारी बात बता दी। दुकानदार ने कहा- पापा को लेकर आओ। हरभजन घर आए। पापा को भी मासूम‍ियत से सारी बात बता दी। कॉम‍िक्‍स उठा कर पापा को साथ लेकर दुकान गए। वहां डांट भी खाई और माफी भी मांगी।

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हरभजन के शरारती होने की बात इस एक घटना से भी पता चलती है। एक बार वह अपने एक दोस्‍त व‍िवेक के साथ स्‍कूटर पर जा रहे थे। स्‍कूटर हरभजन ही चला रहे थे। स्‍कूटर चलाते हुए वह सामने नहीं देख रहे थे। बगल से र‍िक्‍शे में जा रही लड़क‍ियों की तरफ देख रहे थे। व‍िवेक ने सामने देखने को कहा, पर उनकी एक न सुनी। कुछ ही पल बाद लड़क‍ियों के र‍िक्‍शे के आगे हरभजन का स्‍कूटर ग‍िरा पड़ा था। हरभजन सड़क पर पड़े थे। उनके साथ वि‍वेक भी।

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