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सच‍िन की बैट‍िंंग देखने ब‍िना ट‍िकट ट्रेन में बैठ गए थे रोह‍ित शर्मा, सड़क क‍िनारे खड़े होकर देखा था मैच 

देश के करोड़ों बच्‍चों की तरह क्रिकेटर रोहित शर्मा भी स्‍कूल के द‍िनों से ही सच‍िन तेंदुलकर के दीवाने थे। रोहि‍त को किताब पढ़ना ब‍िल्‍कुल पसंद नहीं था, लेकिन उन्होंने अजीत तेंदुलकर की लिखी किताब ‘द मेकिंग ऑफ क्रिकेटर’ सिर्फ इसलिए पढ़ी थी क्योंकि यह सचिन के बारे में थी।

सचिन की बैटिंग देखने के लिए रोहित शर्मा स्‍कूल की क्‍लास छोड़ देते थे। यह साल 2000 की बात है। बांद्रा में मुंबई और बड़ौदा की टीम में एक मैच हो रहा था। मुंबई की टीम में सच‍िन के अलावा विनोद कांबली  और समीर द‍िघे जैसे ख‍िलाड़ी थे। बड़ौदा की ओर से जहीर खान, नयन मोंगि‍या आद‍ि खेल रहे थे। रोह‍ित ने सच‍िन की बैट‍िंंग देखने का फैसला क‍िया। वह स्‍कूल में थे। ब्रेक में बैग उठाया और स्‍टेशन आकर सीधे लोकल ट्रेन में बैठ गए। ब‍िना ट‍िकट।

पेड़ की छांव में बैठकर सचिन की शानदार बैटिंग करते देखा

बांद्रा पहुंचे। च‍िंंता थी क‍ि मैच देखेंगे कैसे, पास तो है ही नहीं। लेक‍िन, जब मैदान के पास पहुंचे तो पता चला क‍ि ब‍िना पास वाले लोगों के ल‍िए भी एक इंतजाम है। उनके ल‍िए सड़क क‍िनारे बैठने की व्‍यवस्‍था की गई थी। वहीं एक पेड़ की छांव में रोह‍ित शर्मा ने भी जगह ढूंढ ली और सच‍िन को शानदार बैट‍िंंग करते हुए देखा।

तब रोह‍ित शर्मा को कहां पता था क‍ि वह एक द‍िन सच‍िन से मुलाकात भी कर पाएंगे। लेक‍िन, न केवल मुलाकात हुई, बल्‍क‍ि दोनों साथ खेले भी। यहां तक क‍ि उनके कप्‍तान भी रहे।

जब सचिन ने एमआरएफ बैट से खेलना शुरू किया तो रोहित शर्मा की भी इच्छा होती थी वह बैट खरीदने की। लेकिन उनके पास इतने पैसे नहीं थे। जब भी वह खेल का सामान बेचने वाली दुकान के सामने से गुजरते थे तो एमआरएफ बैट को देर तक देखते रहते थे। यहां तक कि वह एमआरएफ का स्टिकर भी खोजने लगे ताकि वह अपने बैट पर एमआरएफ का स्‍ट‍िकर ही चिपका लें। लेकिन उन्हें वह भी नहीं मिला। हालांक‍ि, एक दिन ऐसा आया जब एमआरएफ कंपनी की ओर से ही रोहित शर्मा को बैट पर उसका लोगो लगाने का ऑफर आया।

सच‍िन से रोहित शर्मा की पहली औपचार‍िक मुलाकात 2004 में हुई थी। क्रिकेट क्लब ऑफ इंडिया में सचिन ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मैच खेल रहे थे। वहीं चंदू सर (चंद्रकांत पंडित) ने सचिन से उनकी मुलाकात करवाई। बाद में चेन्नई में चैलेंजर सीरीज के दौरान रोह‍ित शर्मा की सचिन से मुलाकात हुई। इसमें रोहित सचिन की विरोधी टीम में खेल रहे थे।

रोहित शर्मा से सच‍िन मराठी में ही बात करते थे। जब शर्मा टीम इंडिया के लिए खेलने लगे तो उन्होंने सचिन को और करीब से जाना। उन्होंने उनकी सादगी और इंसानियत को बखूबी समझा। उन्हें समझ में आया कि इतना मशहूर होने के बाद भी सचिन किस तरह एक साधारण इंसान की तरह ही व्यवहार करते थे।

2012 में जब रोह‍ित शर्मा खराब फॉर्म से गुजर रहे थे तो सच‍िन ने उन्‍हें काफी हौंसला द‍िया था। श्रीलंका में वनडे सीरीज में रोहित शर्मा का प्रदर्शन खराब रहा तो सचिन ने उन्हें समझाया क‍ि फॉर्म को लेकर ज्यादा चिंता मत करो। कोई ऐसा ख‍िलाड़ी नहीं है जो कभी न कभी खराब फॉर्म से न गुजरा हो।

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वेंकट नटराजन खेल पत्रकार हैं। क्रिकेट में इनकी ना केवल रुचि है, बल्कि यह क्रिकेट के अच्छे खिलाड़ी भी रह चुके हैं। क्रिकेट से जुड़े क़िस्से लिखने के अलावा वेंकट क्रिकेट Match Live Update, Cricket News in Hindi कवर करने में भी माहिर हैं।