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कोच ने कहा भाला फेंकने में अच्छी हो, क्या गेंद भी फेंक सकती हो, गिलगिट की डायना बेग ने बताया जिंदगी बदलने का किस्सा

Diana Baig | Pakistan | Gilgit |

पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के गिलगिट क्षेत्र की क्रिकेटर डायना बेग। (फोटो- फेसबुक)

पाकिस्तान के अवैध कब्जे वाले कश्मीर का गिलगिट क्षेत्र एक ऐसा क्षेत्र है जो पहाड़ों से घिरा हुआ है। यहां क्रिकेट जैसे खेल के लिए ज्यादा सुविधाएं नहीं हैं, बावजूद इसके वहां से कई महिला क्रिकेटर निकलीं और पाकिस्तान के लिए खेल रही हैं। इसी क्षेत्र से डायना बेग (Diana Baig) निकलकर क्रिकेट की दुनिया में अपना नाम कमाई हैं। न के बराबर सुविधाएं और सीमित बुनियादी ढांचा, प्रशिक्षण सुविधाओं की कमी और संगठित लीग महिला क्रिकेटरों के चलते यहां खिलाड़ियों को संघर्ष बहुत करना पड़ता है।

डायना बेग बचपन से क्रिकेट, वॉलीबॉल, एथलेटिक्स, बैडमिंटन आदि खेलती रही हैं। एक दिन उनके कोच ने कहा कि तुम भाला (Javelin) फेंकने में अच्छी हो, क्या गेंद भी फेंक सकती हो। हां कहने पर उन्होंने कहा कि गिलगिट (Gilgit) से एक टीम टूर्नामेंट के लिए इस्लामाबाद जा रही है। उसके अगले दिन पता चला कि उस टीम का कैप्टन डायना बेग को बना दिया गया है। उस दिन से जिंदगी बदल गई।

पाकिस्तानी क्रिकेटर उमर गुल की प्रशंसक बेग ने एक इंटरव्यू में कहा कि वह गुल के अलावा मोहम्मद हाफिज की बल्लेबाजी शैली को पसंद करती हैं। डायना बेग ने कहा कि गिलगिट जैसे पुरानी विचारधारा और कट्टरपंथी माहौल वाले क्षेत्र से अगर कोई महिला क्रिकेटर आगे निकलती है तो यह एक बड़ी बात है। वहां महिलाओं के लिए काफी चुनौतियां हैं। महिला तो छोड़िये पुरुष क्रिकेटरों के लिए यहां से खेलना इतना आसान नहीं है।

वैसे तो पूरा पाकिस्तान ही आर्थिक रूप से काफी पिछड़ा हुआ है, लेकिन यह इलाका कुछ ज्यादा ही पिछड़ा है। दूसरे देशों की तुलना में पाकिस्तान की मीडिया के पास काफी कम आजादी है। इससे यहां के खिलाड़ियों और उनकी उपलब्धियों की चर्चा काफी कम हो पाती है।

न तो उनकी उपलब्धियां बाहर आ पाती हैं और न ही मीडिया लोगों को जागरूक करने के लिए ही कोई कदम उठा पाती है। इससे खिलाड़ियों को काफी संघर्ष करके अपनी जगह बनानी होती है। इतना ही नहीं उन्हें अपने संघर्ष के दिनों में आर्थिक मदद भी बहुत कम ही मिल पाती है।

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