भारतीय टीम के क्रिकेटर चेतेश्वर पुजारा ने 2023 की शुरुआत में अपना सौवां टेस्ट खेला। लेकिन, एक समय ऐसा था जब वह काफी चोटिल हो गए थे। तब शाहरुख खान ने उनकी काफी मदद की थी। उस मदद को चेतेश्वर के पिता अरविंंद पुजारा भूले नहीं हैं।
कोलकाता नाइट राइडर्स के लिए खेलने के दौरान लगी थी चोट
बात 2009 के आईपीएल सीजन की है। पुजारा शाहरुख खान की टीम कोलकाता नाइट राइडर्स (केकेआर) के लिए खेल रहे थे। लेकिन, पुजारा चोटिल (Hamstring Injury) हो गए थे। चेतेश्वर पुजारा के पिता अरविंंद पुजारा ने सोचा कि बेटे की सर्जरी राजकोट में ही करा ली जाए। लेकिन शाहरुख खान नहीं माने।
दक्षिण अफ्रीका के डॉक्टर ऐसी चोटों के इलाज में ज्यादा दक्ष थे
शाहरुख ने जोर दिया कि पुजारा को इलाज के लिए दक्षिण अफ्रीका ही ले जाया जाए। इसकी एक खास वजह थी। दक्षिण अफ्रीका में रग्बी खिलाड़ियों को इस तरह की चोट लगती रहती है। इसलिए वहां के डॉक्टर इस तरह की चोट का इलाज करने में ज्यादा दक्ष हैं। इसीलिए शाहरुख खान चाहते थे कि चेतेश्वर को दक्षिण अफ्रीका ही ले जाया जाए।
पासपोर्ट और यात्रा के कागजात कुछ घंटों में शाहरूख ने तैयार करवा दिये
शाहरुख ने यहां तक कहा कि एक डॉक्टर और परिवार का सदस्य भी चेतेश्वर पुजारा के साथ जाए। चेतेश्वर के पिता अरविंंद पुजारा का पासपोर्ट तक नहीं बना था। तो पिता ने डॉक्टर साहब को ही चेतेश्वर के साथ चले जाने के लिए कहा। लेकिन, शाहरुख खान इस पर भी नहीं माने। उन्होंने जल्दी से पासपोर्ट और यात्रा संबंधित कागजात तैयार करवाने में मदद की और अरविंद पुजारा बेटे चेतेश्वर के साथ दक्षिण अफ्रीका जा सके।
अरविंंद पुजारा ने हाल ही में एक इंटरव्यू में इस बात का खुलासा किया है। उन्होंने एक और घटना का जिक्र किया। यह घटना चेतेश्वर पुजारा के शुरुआती करियर के दिनों की है, जब वह इंग्लैंड के खिलाफ अपना छठा टेस्ट खेल रहे थे। पुजारा ने अहमदाबाद में डबल सेंचुरी ठोकी थी। डंकन फ्लेचर उस समय भारत की टीम के कोच थे। पिता ने बेटे चिंटू से कहा था कि फ्लेचर से टिप्स ले। वह बहुत बड़े कोच हैं, इंग्लैंड की टीम का कायापलट उन्होंने ही किया है।
चेतेश्वर ने बाद में पिता को फ्लेचर से हुई बातचीत के बारे में बताया। चेतेश्वर ने कोच से पूछा था- सर क्या आप मुझे कोई टिप्स दे सकते हैं? फ्लेचर ने बस इतना कहा था- अपने पिता का शुक्रिया कहो। यह सुन कर अरविंंद पुजारा को लगा था कि उनकी तपस्या सफल हुई। चेतेश्वर को क्रिकेटर बनाने में पिता अरविंंद पुजारा का अहम रोल है। अरविंंद रणजी गेम खेले थे। उनके पास ना तो कोई कोचिंग की डिग्री थी और ना ही कोई टेक्निकल सर्टिफिकेट। देख-देख कर गेम को सीखा था और उसमें अपना अनुभव डाल कर बेटे में महान क्रिकेटर बनने के बीज डाल दिया।