श्रीलंका एक छोटा सा खूबसूरत देश है। यहां भारत की ही तरह क्रिकेट काफी खेला जाने वाला गेम है। लोग क्रिकेट को काफी पसंद करते हैं। श्रीलंका ने अपने देश में एक से बढ़कर एक क्रिकेटर पैदा किये हैं। इन्हीं में से एक चामिंडा वास हैं। जिन्होंने ऐसे-ऐसे रिकॉर्ड बनाए हैं, जिसे तोड़ पाना फिलहाल नामुमकिन लग रहा है।
Chaminda Vaas and Church Pastor: चामिंडा वास मूलत: एक कैथोलिक क्रिश्चियन
देश के महान खिलाड़ियों में गिने जाने वाले चामिंडा वास का बचपन से क्रिकेटर बनने की तरफ रुझान नहीं था। वह धार्मिक रुचि के थे और चर्च की सेवा करना चाहते थे। कोलंबो के वट्टाला क्षेत्र में जन्मे चामिंडा वास मूलत: एक कैथोलिक क्रिश्चियन हैं।
एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया कि वह बचपन में चर्च के पादरी बनना चाहते थे। पादरी बनने में एक बाधा थी। उसके लिए बचपन में 14 साल तक कड़ी पढ़ाई करनी होती थी। इस दौरान उनको पूरी तरह आध्यात्मिक दुनिया में डूबना पड़ता था और सांसारिक मोहमाया से दूर रहना होता था। इसी दौरान चामिंडा वास अपने उम्र के बच्चों को क्रिकेट खेलते देखे तो उनका भी मन बदलने लगा और धीरे-धीरे यह उनको अपनी ओर खींचने लगा। इसकी वजह से वह क्रिकेट के दीवाने बन गये और क्रिकेट की तरफ रुझान बढ़ गया।
एक बार जब वे क्रिकेट की तरफ रुख किये तो फिर पीछे नहीं देखे। वे लोकल क्रिकेटर से लेकर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर तक बनने में बहुत समय नहीं लिये।
उन्हें गेंदबाजी करना काफी पसंद था और वे बाएं हाथ के मीडियम पेसर थे। उनकी गेंदबाजी की रफ्तार 120 से 130 किमी प्रतिघंटे की थी। उनकी लाइन-लेंथ बहुत ही सटीक और सीधी होती थी।
चामिंडा वास को देश के लिए खेलने का सबसे पहला चांस 1994 में मिला। श्रीलंका अपना पहला टेस्ट मैच न्यूजीलैंड के खिलाफ नेपियर में खेला।
संयोग से इस मैच चामिंडा वास का अंतरराष्ट्रीय डेब्यू हुआ। इस टेस्ट में चामिंडा वास ने पहली पारी में 47 रन देकर पांच विकेट लिये और दूसरी पारी में 43 रन देकर फिर पांच विकेट लिये। इतना ही नही उन्होंने 33 और 36 रन भी बनाए। यह श्रीलंका की विदेशी जमीन पर टेस्ट मैच में पहली जीत थी।