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Bumrah and Shami Amazing at Lords: 25 रन बना पाना मुश्किल लग रहा था, लेकिन बना दिया 123 रन, बुमराह और शमी की जोड़ी का ऐसे हुआ स्वागत

IPL 2023 | Kuldeep Sen | Rajasthan Team

भारतीय टीम के खिलाड़ी जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद शमी और मोहम्मद सिराज। (फोटो- फेसबुक)

Bumrah and Shami Amazing at Lords: 2021 में लॉर्डस के मैदान में एक टेस्‍ट मैच में भारत की इंग्‍लैंड के ख‍िलाफ जीत के पीछे कुछ द‍िलचस्‍प क‍िस्‍से हैं। भारत की टीम के एक समय सात व‍िकेट गिर गए थे। 175 रन पर। तब टीम सोच रही थी क‍ि क‍िसी तरह 200 पार हो जाए। लेक‍िन, जसप्रीत बुमराह और मोहम्‍मद शमी की जोड़ी क्रीज पर जम गई।
दोनों खिलाड़ियों की जोड़ी ऐसी जमी क‍ि जहां क‍िसी तरह 200 पार चले जाने की दुआ मांगी जा रही थी, वहां स्‍कोर 300 के करीब (298) चला गया। यानी 123 रन और बन गये। लंच में जब बुमराह और शमी आए तो टेबल के पास सभी ख‍िलाड़‍ियों ने थाल‍ियां बजा कर उनका स्‍वागत क‍िया था। नौ व‍िकेट पर 298 का स्‍कोर हो जाने के बाद टीम इंड‍िया ने पारी समाप्‍त‍ि की घोषणा कर दी थी।
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इंग्‍लैंड को आउट करने के ल‍िए भारत के पास 60 ओवर बचे थे। मोहम्‍मद स‍िराज ने चार व‍िकेट लेकर यह काम भी जल्‍दी ही कर द‍िया। आख‍िरी व‍िकेट भी स‍िराज ने ही ले ल‍िया। आख‍िरी व‍िकेट लेते ही स‍िराज ने स्‍टंप उखाड़ कर हाथों में ल‍िया और चलते बने।
यह देख अंपायर भागे-भागे उनके पास आए और उनसे कहा क‍ि आप प्‍लीज यह स्‍टंप मत लीज‍िए, मैं दूसरा दे रहा हूं। दरअसल, उस स्‍टंप में माइक लगा हुआ था। तब स‍िराज ने वह स्‍टंप लौटाया। वहां से लाया स्‍टंप आज भी स‍िराज के घर में रखा हुआ है।

स‍िराज ने एक इंटरव्‍यू में बताया क‍ि वहां टेस्‍ट क्र‍िकेट की भी काफी वैल्‍यू है और उस समय मैच देखने के ल‍िए आने वाले दर्शक इतने गंभीर होते थे क‍ि नोटबुक में अपना स्‍कोरकार्ड बनाते थे।
स‍िराज ने टेस्‍ट डेब्‍यू 2020 में ऑस्‍ट्रेल‍िया के ख‍िलाफ क‍िया था। यह मैच 26 से 29 द‍िसंबर के बीच मेलबर्न में खेला गया था। इससे एक साल पहले उनका वनडे डेब्‍यू हुआ था।

स‍िराज का जब टीम इंड‍िया के ल‍िए सेलेक्‍शन हुआ था तो उन्‍हें पता भी नहीं था। वह मैसूर में मैच खेल रहे थे। खेल के बाद जब उन्‍होंने अपना मोबाइल देखा तो मैसेज की बाढ़ आई हुई थी। एकबारगी तो वह सोच में पड़ गए क‍ि क्‍या हो गया! कुछ समझ ही नहीं पाए! बात समझ आई तो यकीन नहीं हो रहा था। फ‍िर उन्‍हें लगा क‍ि उनका सपना सच हो गया है।
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स‍िराज ने काफी संघर्ष भरे द‍िन देखे हैं। इससे भी ज्‍यादा उन्‍होंने अपने प‍िता का संघर्ष देखा है। उनके प‍िता ऑटो चलाते थे। आज भी जब स‍िराज क‍िसी मुश्‍कि‍ल में घ‍िरते हैं तो वह अपने प‍िता के संघर्ष और बेटे के ल‍िए उनका सपना याद करते हैं तो न‍िराशा से न‍िकल जाते हैं।
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