भारत के पूर्व कप्तान और ऑलराउंडर खिलाड़ी बिशन सिंह बेदी (Bishan Singh Bedi) अपनी आक्रामकता और अक्खड़ स्वभाव के लिए जाने जाते हैं। वह कई बार ऐसी बातें बोल जाते हैं, जो उनके लिए मुसीबत खड़ी कर देती है और उसकी सफाई देने में उनको काफी संकट का सामना करना पड़ता है। अक्सर उनको शार्ट टेंपर्ड होने की बात भी कही जाती है। एक बार उन्होंने गुस्से में पूरी भारतीय टीम को पैसेफिक ओसन में फेंक देने की बात कही थी। इसको लेकर हंगामा मच गया था।
पत्रकार राजीव शुक्ला के साथ इंटरव्यू में जब उनसे इसके बारे में पूछा गया तो उन्होंने वह किस्सा सुनाया। बेदी ने कहा कि न्यूजीलैंड में भारतीय टीम के खिलाड़ियों को पैसेफिक ओसन में फेंक देने का आरोप गलत है। बात कुछ और थी और मीडिया ने गलत ढंग से लोगों तक पहुंचाई। बेदी ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया को भारतीय टीम ने बोल्ड आउट किया था, कुल डेढ़ सौ से कम रन करने थे और टीम इंडिया के बल्लेबाज डेढ़ सौ रन नहीं बना पाये।
उस वक्त मीडिया को दिये इंटरव्यू में बेदी ने कहा था कि अगर कोई हिंदुस्तानी खिलाड़ी पैसेफिक में कूदना चाहे तो उसे रोकेंगे नहीं। उन्होंने कहा कि इसका मतलब नहीं कि पूरी टीम को “हम पैसेफिक में फेंकना चाहते हैं।”
बिशन सिंह बेदी ने अपने और अजित वाडेकर के बीच आपसी संबंध खराब होने को लेकर एक इंटरव्यू में कहा कि बेशक अजित वाडेकर के नेतृत्व में तीन सीरिज लगातार जीते यह कम बड़ी उपलब्धि नहीं थी। उनको नवाब मंसूर अली खान पटौदी के हटने पर टीम इंडिया का कप्तान बनाया गया था। वह अच्छा कर रहे थे, लेकिन उन्हें अच्छा मैनेजर नहीं मान सकते हैं। बेदी ने कहा कि वाडेकर को अच्छा मैनेजर तब मानते जब वह बंबई की रणजी टीम को मैनेज करके जिताकर दिखाते।
बिशन सिंह बेदी जब मैदान पर उतरते थे, तब उनकी छवि दबंग की रहती थी। इसकी वजह से वे टीम इंडिया के खिलाड़ियों के बीच कई बार इस तरह से रहते थे, जैसे वे साथी खिलाड़ी न होकर खुद ही मैनेजर और कोच हों।