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क‍िस्‍मत से भुवनेश्‍वर कुमार के नाम दर्ज हो गया पहली बार सच‍िन को शून्‍य पर आउट करने का र‍िकॉर्ड, जान‍िए उस बोल‍िंंग की पूरी कहानी

क्र‍िकेटर भुवनेश्‍वर कुमार की ज‍िंदगी में उनकी बड़ी बहन का अहम रोल रहा है। बहन उनसे छह-सात साल बड़ी हैं। स्‍कूल से लाना-ले जाना, क्र‍िकेट प्रैक्‍ट‍िस के ल‍िए अकेडमी ले जाना जैसे काम वही करती थीं। दरअसल, उनका पर‍िवार गांव से मेरठ श‍िफ्ट हुआ था। उनकी मां को मेरठ का कोई अंदाज नहीं था।

बड़ी बहन भुवनेश्वर को जोरदार चांटे भी लगाती थी

बहन पढ़ी-ल‍िखी थीं तो घर से बाहर के काम भी वहीं करती थीं और भुवनेश्‍वर के ल‍िए भी बाहर के कामों में वही साथ जाती थीं। कभी-कभी वह भुवनेश्‍वर को जोरदार चांटे भी लगाती थीं। मम्‍मी के अलावा बहन ही थीं जो भुवनेश्‍वर पर हाथ उठाती थीं। उनके पापा उन्‍हें कभी नहीं मारते थे। पर, पापा का घूरना ही काफी होता था। उनके पापा पुल‍िस में थे।

दसवीं में पढ़ाई में 60 फीसदी अंक आने पर बहन ने बांटे थे मिठाई

भुवनेश्‍वन पढ़ाई में सामान्‍य ही थे। दसवीं में उन्‍हें साठ फीसदी नंबर आए थे। इस पर बहन ने पूरे मोहल्‍ले में म‍िठाइयां बांटी थीं। परीक्षा से पहले भुवनेश्‍वर ने काफी मेहनत से पढ़ाई की थी। उन्‍होने ट्यूशन भी ली थी। रात भर जग कर पढ़ते थे। उन द‍िनों शाद‍ियों का मौसम था और झलक द‍िखला जा…गाना काफी चल रहा था। शाद‍ियों में यह गाना बजता रहता था और कभी-कभी भुवनेश्‍वर के द‍िमाग में भी यही गाना गूंंजता रहता था।

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भुवनेश्‍वर वह गेंदबाज हैं ज‍िन्‍होंने पहली बार सच‍िन तेंदुलकर को शून्‍य पर आउट क‍िया था। ज‍िस द‍िन यह मैच हुआ था, उस द‍िन सुबह ही सच‍िन से भुवनेश्‍वर की मुलाकात हुई थी। दोनों होटल में एक ही फ्लोर में ठहरे थे। भुवनेश्‍वर को आवाज आई क‍ि कोई आदमी कमरे का ताला बंद कर रहा है। मुड़े तो देखा क‍ि सच‍िन तेंदुलकर थे।

उन्‍होंने गुड मॉर्न‍िंग क‍िया। सच‍िन मोबाइल यूज कर रहे थे। दोनों ल‍िफ्ट में गए। भुवनेश्‍वर सच‍िन को ही देखते जा रहे थे। ग्राउंड फ्लोर पर ल‍िफ्ट से न‍िकले तो सच‍िन ने ऑल दे बेस्‍ट कहा और दोनों अलग-अलग द‍िशा में न‍िकल गए। मैच के दौरान भुवनेश्‍वर के द‍िमाग में यही सीन घूम रहा था।

मैच के दौरान भुवनेश्‍वर के द‍िमाग में यह कुछ नहीं चल रहा था क‍ि कैसे बॉल डालनी है या बोल‍िंंग से जुड़ी कोई स्‍ट्रैटजी द‍िमाग में नहीं आ रही थी। बस सुबह वाला सीन ही चल रहा था। सच‍िन आउट हो गए। शाम को भुवनेश्‍वर को अहसास हुआ क‍ि यह बड़ी उपलब्‍ध‍ि उनके नाम दर्ज हो गई है।
भुवनेश्‍वर कुमार इसका क्रेड‍िट मोहम्‍मद कैफ को देते हैं। वह इसल‍िए क्‍योंक‍ि ज‍िस पोज‍िशन पर सच‍िन आउट हुए वह न शॉर्ट लेग था और न म‍िड व‍िकेट। अमूमन जब वह फील्‍ड‍िंग सेट करते हैं तो खुद स्‍ल‍िप पर होते हैं। उन्‍होंने शॉर्ट लेग पर खड़े फील्‍डर श‍िवाकांता को पीछे मूव करने के ल‍िए कहा। वह शॉर्ट लेग से दो कदम पीछे थे। वह दो कदम पीछे हुए और गेंद उनके हाथ में चली गई। इस तरह व‍िकेट मेरे नाम हुआ, लेक‍िन मोहम्‍मद कैफ का इसमें बड़ा रोल रहा।
वेंकट नटराजन खेल पत्रकार हैं। क्रिकेट में इनकी ना केवल रुचि है, बल्कि यह क्रिकेट के अच्छे खिलाड़ी भी रह चुके हैं। क्रिकेट से जुड़े क़िस्से लिखने के अलावा वेंकट क्रिकेट Match Live Update, Cricket News in Hindi कवर करने में भी माहिर हैं।