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Ashes: ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी ने बताया बैजबॉल की शुरुआत का कारण

एशेज (Ashes) सीरीज के दौरान इंग्लैंड के खेलने के तरीके ने सबको आश्चर्यचकित किया है।इंग्लैंड (England) ने अपने टेस्ट क्रिकेट खेलने के अंदाज में पिछले 1 साल के अंदर जो बदलाव किया है उसने पूरी दुनिया का ध्यान अपनी तरफ खींच लिया है। इंग्लैंड दुनिया को ये बता रही है कि इस प्रकार से भी टेस्ट क्रिकेट खेला जा सकता है। इंग्लैंड जिस प्रकार से टेस्ट क्रिकेट में खेल रही है उसे बैजबॉल नाम दिया गया है। इसी प्रकार से खेलकर इंग्लैंड ने बीते 1 साल में सफलता भी हासिल की है।

जब से बेन स्टोक्स (Ben Stokes) और ब्रैंडन मैकुलम (Brendon McCullum) ने टीम की कमान संभाली है तब से इंग्लैंड का टेस्ट क्रिकेट में खेलने का रवैया बदल गया है और उसे पूरी दुनिया पसंद भी कर रही है। मैक्कुलम और स्टोक्स के कमान संभालने के बाद से इंग्लैंड ने 14 में से 11 टेस्ट मैच जीते है। इंग्लैंड ने न्यूजीलैंड, साउथ अफ्रीका को अपने घर में सीरीज हराई है जबकि भारत के साथ इकलौता टेस्ट मैच जीतकर सीरीज को ड्रॉ कराया था। इंग्लैंड ने एशिया में भी आकर पाकिस्तान (Pakistan) को सीरीज में क्लीन स्वीप किया था। जबकि न्यूजीलैंड (Newzealand) के खिलाफ उसके घर में सीरीज ड्रॉ कराई थी।

इंग्लैंड के खेलने के नए तरीके को लेकर ऑस्ट्रेलिया (Australia) के पूर्व खिलाड़ी कैरी ओ कीफ (Kerry O’ Keefe) ने एक बड़ा बयान दिया है। कैरी ने कहा कि बैजबॉल की नींव साल 2014 में ही पड़ गई थी जब ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी फिल हायूज (Phil Hughes) की गले पर गेंद लगने के कारण मौत हो गई थी। इस घटना ने पूरे क्रिकेट जगत को हिला कर रख दिया था और इससे ब्रैंडन मैक्कुलम भी नहीं बच सके।

मैक्कुलम ने 2019 में कहा था कि फिल की मौत एक ऐसा पल था जिसे वो हमेशा याद रखेंगे। एक क्रिकेटर का ऐसे चले जाना हमें ये बताता है कि खेल मौत का कारण भी बन सकता है। कैरी ने कहा ये मैक्कुलम के कैरियर में बड़ा पल था।

जब फिल की मौत हुई थी तब न्यूजीलैंड के कप्तान ब्रैंडन मैक्कुलम थे। तब उसने अपनी टीम से कहा हम नतीजे की परवाह किए बिना खेलेंगे। हम ऐसे खेलेंगे जैसे ये हमारा आखिरी मैच हो। फिल की मौत के 2 साल बाद ब्रैंडन मैकुलम ने टेस्ट क्रिकेट में सबसे तेज शतक जड़ा था। मैक्कुलम ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपने कैरियर के आखिरी टेस्ट में मात्र 54 गेंदों में शतक जड़कर टेस्ट क्रिकेट में सबसे तेज शतक जड़ने का कीर्तिमान अपने नाम किया था। जब आप नतीजे की चिंता छोड़ देते है तो आप आजादी के साथ खेलना शुरू कर देते है। इस समय इंग्लैंड की टीम इसी प्रकार से खेलने में लगी हुई है।

आकाश अवस्थी, दिल्ली विश्वविद्यालय में ग्रेजुएशन के छात्र है। इनकी खेल और राजनीति में विशेष दिलचस्पी है और उन मुद्दों पर लिखना पसंद करते है।