Australian Cricketer George Thomas: ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर के जॉर्ज थॉमस ने 27 साल की उम्र में क्रिकेट से नाता तोड़ लिया था। वह देश के विक्टोरिया स्टेट के क्रिकेटर थे और एक टेस्ट खेले। वे चर्चित इसलिए नहीं हुए कि वे एक अंतरराष्ट्रीय मैच खेल रहे थे, बल्कि इसलिए चर्चित हुए क्योंकि वे एकमात्र टेस्ट क्रिकेटर रहे हैं, जो स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर भी थे। अपने मेडिकल प्रोफेशन की वजह से वे इतने मशहूर सर्जन हुए कि देश में उनके बारे में क्रिकेट से अधिक मेडिकल प्रोफेशन के लिए उनकी चर्चा होती है। 70 के दशक में उन्होंने ऑस्ट्रेलिया में लेजर सर्जरी की शुरुआत की थी।
Australian Cricketer George Thomas: जॉर्ज को लगता था कि हाथ में चोट लगने से उनका मेडिकल कैरियर खत्म हो जाएगा
जब वे टेस्ट मैच खेल रहे तो उन्हें महसूस हुआ कि तेज गेंदबाजों की वजह से कहीं उनके हाथों में चोट न लग जाए और एक सर्जन के तौर पर उनका करियर खत्म हो जाए। इस डर से वे एकमात्र अंतरराष्ट्रीय टेस्ट मैच खेलने के बाद ही संन्यास ले लिये। क्रिकेट छोड़ते ही वे ऑस्ट्रेलिया के सबसे विख्यात सर्जन के रूप में नाम कमाए।
जिस जमाने में वे खेल रहे थे, उस वक्त दुनियाभर में तेज गेंदबाजों, खासकर वेस्टइंडीज के गेंदबाजों का खौफ था। उन्होंने कुल 3 सेंचुरी और फर्स्ट क्लास क्रिकेट में 35 से ज्यादा के औसत से रन बनाये थे। उन्होंने 1952 में अपना पहला टेस्ट मैच वेस्टइंडीज के विरुद्ध सिडनी में खेला था। सीरीज के पहले 4 टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया 3-1 से आगे था।
21 साल की उम्र में फर्स्ट क्लास क्रिकेट में डेब्यू और इंटरनेशनल टीम में आने में 6 साल लग गए। 1951-52 के उस शेफ़ील्ड सीज़न में 500 से ज्यादा रन बनाने के बाद वेस्टइंडीज के विरुद्ध टेस्ट डेब्यू किया था।
थॉमस का ध्यान बहरहाल अपने मेडिकल करियर पर ज्यादा था और एक गायने डॉक्टर के तौर पर वे बड़े मशहूर हो रहे थे।