आस्ट्रेलियन बैट्समैन ब्रेंडन मैकुलम ने वह शॉट नहीं खेली होती तो रुतुराज गायकवाड़ आज क्रिकेटर नहीं होते
महाराष्ट्र में जन्मे रुतुराज गायकवाड़ (Ruturaj Gaikwad) एक ऐसे खिलाड़ी हैं, जिनको क्रिकेट की प्रतिभा विरासत में नहीं मिली है। वह जिस घर में रहते थे, वहां क्रिकेट खेलने वाला कोई नहीं था। हालांकि वह खुद अकेले ही इसे खेलते थे। 2003 में पुणे के नेहरू स्टेडियम में न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया के बीच चल रहा था।
बचपन में नहीं था घर में क्रिकेट का माहौल
दोस्तों के साथ रुतुराज भी वहां गये। इस दौरान उन्होंने आस्ट्रेलियन बैट्समैन ब्रेंडन मैकुलम (Brendon Mccullum) को एक स्कूप शॉट मारते हुए देखा तो वे बहुत प्रभावित हुए। यह वह दिन था, जिस दिन रुतुराज ने जिंदगी की बदल देने वाली बात सोची। ब्रेंडन मैकुलम वह शॉट नहीं खेलते तो शायद रुतुराज आज वह नहीं होते, जो वह हैं। हालांकि तब उनकी उम्र छह साल की थी। बचपन में उनके यहां क्रिकेट का माहौल नहीं था। कभी-कभी उनके पिता पार्क में घूमने जाया करते थे तो जरूर रुतुराज को बाल फेंकते थे और रुतुराज बैटिंग करते थे।
15 साल की उम्र में लोग उन्हें जानने लगे थे
वैसे आम दिनों में रुतुराज अकेले ही बैटिंग करते थे। 11 साल की उम्र में उन्होंने एक एकेडमी ज्वाइन कर ली। 15 साल की उम्र तक लोग उनको जानने लगे थे। इस दौरान उनको कूच बिहार ट्राफी में खेलने का मौका मिला। इसमें उन्होंने शानदार प्रदर्शन करते हुए कुल 826 रन बनाए। इसमें एक अर्धशतक, दो शतक और तीन डबल सेंचुरी थी। इसके बाद उन्होंने कुछ और ऐसे ही शानदार प्रदर्शन किया। इसका उन्हें जबर्दस्त फायदा मिला और उनका चयन महाराष्ट्र रणजी टीम में हो गया।
यह एक ऐसा प्लेटफॉर्म था, जहां से उन्हें आगे बढ़ने का मौका मिल सकता। लेकिन यहां एक दुर्भाग्य आ गया। बैटिंग के दौरान एक बाउंसर गेंद से उनकी उंगली में चोट लग गई। जिसकी वजह से उन्हें काफी लंबे समय तक बाहर बैठना पड़ा। लेकिन रुतुराज मेहनती और दृढ़निश्चयी थे। इस वजह से वे फिर से टीम से जुड़े। और इस बार उन्होंने रिकार्ड बनाकर ओपनर की अपनी जगह पक्की कर ली।
चेन्नई सुपर किंग ने रुतुराज को 20 लाख रुपये में खरीदा था
जब आईपीएल के लिए ऑक्शन हो रहा था तो उन्हें उम्मीद नहीं थी कि वे भी खरीदे जाएंगे, लेकिन एक दिन उनको मेसेज मिला की चेन्नई सुपर किंग ने उन्हें 20 लाख रुपये में खरीद लिया है। फिर वे इंडिया-ए की ओर से वेस्टइंडीज खेलने गये और फिर श्रीलंका-ए के खिलाफ खेली। इसके बाद जिंदगी ही बदल गयी।