Anil Kumble and Virender Sehwag: क्रिकेट के मैदान में कई बार बड़े मजेदार किस्से देखने को मिलते हैं। खिलाड़ियों के बीच जो बातें होती हैं, वह बड़ी यादें बन जाती हैं। पॉडकास्ट व्हाट द डक (What The Duck) में प्रेजेंटर विक्रम सथाये (Vikram Sathaye) के साथ बातचीत में विरेंदर सहवाग ने एक किस्सा सुनाया।
Anil Kumble and Virender Sehwag: सहवाग को सुनने को कोई राजी नहीं था
उन्होंने कहा कि श्रीलंका के खिलाफ अहमदाबाद में मैच था। उनकी कप्तानी में एक छोर से अनिल कुंबले और दूसरे छोर से हरभजन सिंह बॉलिंग कर रहे थे। इस दौरान बतौर कप्तान सहवाग अनिल कुंबले से बोले कि वे थोड़ा ब्रेक ले लें और दूसरे बॉलर को गेंद फेंकने दें। अनिल ने कहा कि हरभजन से बोल दें कि वह आराम कर लें और किसी दूसरे को बॉलिंग करने दें।
Also Read: गेल के आगे सब फेल: क्रिस को अनिल कुंबले ने बताया आईपीएल के इतिहास का सबसे बड़ा खिलाड़ी
सहवाग हरभजन से बोले तो वे भी उसी तरह जवाब दिये और कहा कि अनिल कुंबले से बोल दें कि वे आराम कर लें। दोनों बॉलरों में से कोई भी हटने को तैयार नहीं था। दस-दस बारह-बारह ओवर फेंक रहे थे। बीच में कप्तान सहवाग फंस गए। तब वे सचिन तेंदुलकर के पास गये और उनसे कहा कि कोई भी सुन नहीं रहा है।
सहवाग बोले कि हमने भगवान से प्रार्थना की कि कुछ करो। क्रिकेट में सचिन भगवान थे, इसलिए उनके पास गया और उनसे निवेदन किया कि आप देखो। सचिन तेंदुलकर जिसको कहते थे, वो सुन लेता था। सहवाग ने कहा कि अनिल भाई से मैं कैसे बोलूं। उनसे बोलने की किस कप्तान की हिम्मत थी। जब सौरव गांगुली की हिम्मत नहीं हुई तो मेरी क्या होती।
सहवाग ने कहा कि एक डर और था। जब अनिल कुंबले आउट होकर आए तो सहवाग को लगा कि मैंने ही इनकी कमबैक कराई है, कहीं मुझे ही बाहर न कर दें।
इस बातचीत के दौरान विरेंदर सहवाग ने एक और किस्सा सुनाया। उन्होंने कहा कि 2007 वर्ल्ड कप में तीन मैच खेलकर भारत शर्मनाक तरीके से टूर्नामेंट से ही बाहर हो गया था। तब भारत को पहले ही मैच में बांग्लादेश ने हरा दिया था। उसके बाद भारत का बड़ा बुरा हाल हो गया था। देशभर में भारतीय खिलाड़ियों के खिलाफ जबर्दस्त गुस्सा था।
इसके बाद जब 2011 का विश्वकप आया तो टीम इंडिया का बांग्लादेश से मैच था। यह मैच बांग्लादेश में ही जाकर खेलना था। प्रेस कांफ्रेंस में सहवाग ने ऐलान किया कि यह रिवेंज मैच होगा। बांग्लादेश से बदला लेना है।
सहवाग बोले कि इसके बाद कोई मीटिंग नहीं हुई। सबके लिए साफ-साफ संदेश था कि इसको जीतना है। जब बैटिंग करने के लिए सहवाग मैदान पर पहुंचे तो सबसे ज्यादा उनसे ही उम्मीद की जा रही थी, क्योंकि उन्होंने यह कहा था कि बदला लेना है। यह संयोग था कि इस मैच में सहवाग ने 175 रन बनाए। भारत मैच जीत गया। इस मैच में सहवाग के घुटनों में चोट लग गई थी, इसलिए वे फिल्डिंग नहीं किये थे।