अंबाती रायडू एक ऐसे भारतीय क्रिकेटर हैं या शायद इकलौते भारतीय क्रिकेटर हैं जिनका कहना है कि वे अपने साथ कभी फोन नहीं रखते हैं। उनका मानना है कि फोन रखने से उनके काम में बाधा आती है। उनका ध्यान भंग हो जाता हैं और उनको लगता है कि जब आप कुछ सोच रहे हों, उसी समय किसी का फोन आ जाए तो वह क्रम बिगड़ जाता है। ऐसे में फोन नहीं रखना ही सही उपाय लगता है। चेन्नई सुपर किंग्स के लिए आईपीएल में आखिरी मैच खेल रहे रायडू ने रविवार को संन्यास का ऐलान कर दिया।
क्विक हिल भज्जी ब्लास्ट (Quick Heal Bhajji Blast) में रायडू ने हरभजन सिंह से बात करते हुए कहा कि उनका शुरू में क्रिकेट में रुचि नहीं थी। उनके पापा ने उनको कैंप में भेजा था। रायडू का पढ़ने में रुचि थी। उन्होंने बीकाम किया है और खुद अलग तरह की जिंदगी जीते हैं। बिना वजह किसी तरह के तनाव पालने से दूर रहते हैं। जब उन्हें टेंशन होती है तो वह मुवी देखने लगते हैं। इसमें उनको मजा आता है।
अंबाती ने इंग्लैंड में बनाए अपने 177 रन के किस्सा का जिक्र करते हुए बताया कि अंडर-19 के बाद जब उनको नेशनल टीम में लिया गया तो वहां वह जोरदार पारी खेली। वह बताये के वहां टेस्ट सीरीज हार चुके थे। वापसी करने के लिए मजबूती से खेलना जरूरी था। टेस्ट की तरह इंग्लैंड की टीम वनडे में भी तगड़ी टक्कर दे रही थी। हम लोगों को वापसी करने के लिए किसी भी हालत में जीतना जरूरी था।
उसमें 177 रन बनाना बहुत ही बड़ी बात थी। वह एक स्पेशल इनिंग थी। इसके पहले मैंने ऐसा कभी नहीं किया था। उस दिन म्युजिक सुनकर खुद को यह अहसास कराया कि सबकुछ अच्छा है। हरभजन सिंह का कहना है कि रायडू अलग किस्म का खिलाड़ी है। मुंबई इंडियंस के लिए दस साल साथ खेले हैं। मैच दर मैच और प्रैक्टिस सेशन के अलावा अंबाती रायडू कहीं दिखाई नहीं देता है। वह अपनी दुनिया में ही खुश रहता है।
रायडू का कहना है कि वह कंफर्ट जोन में ही रहते हैं और इसीलिये रिजर्व रहते हैं। हरभजन सिंह ने कहा रायडू की तरह लसिथ मलिंगा भी हैं। जो कमरे से बाहर ही नहीं आते हैं। यदि वे कमरे में छह दिन रहे तो वहीं पड़े रहेंगे। रायडू ने कहा कि ट्राइडेंट में वेटर और हाउसकीपिंग स्टाफ ही हमारे दोस्त थे।